सिकल सेल को जड़ से खत्म करने के अभियान में अब जुटेंगे विश्वविद्यालय, UGC ने कोर्स में शामिल करने का दिया सुझाव
इस प्रस्ताव में काउंसिल ने इसे इसलिए भी जरूरी बताया हैक्योंकि देश में अभी हर साल इस गंभीर बीमारी से 30 से 40 हजार लोग प्रभावित हो रहे है। वैसे भी देश में मौजूदा समय में करीब सात करोड़ लोग इससे पीड़ित है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। वर्ष 2047 तक खून की कमी से जुड़ी सिकल सेल की बीमारी को जड़ से खत्म करने के ऐलान के बाद केंद्र सरकार ने इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है। फिलहाल इसे लेकर जो अहम कदम उठाया है, उनमें सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के जरिए जन जागरूकता अभियान चलाने की है।
चलेगा जागरूकता अभियान
इसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से इस विषय को पाठ्यक्रम में भी शामिल करने का सुझाव दिया है। ताकि युवाओं को इस बीमारी व इसके उपचार के प्रति जागरूक किया जा सके। यूजीसी ने यह पहल आइसीएमआर ( इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च) के एक ऐसे प्रस्ताव के बाद की है, जिसमें इसे विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भी शामिल करने की सिफारिश की गई है।
मौजूदा समय में करीब सात करोड़ लोग इससे पीड़ित
इस प्रस्ताव में काउंसिल ने इसे इसलिए भी जरूरी बताया है,क्योंकि देश में अभी हर साल इस गंभीर बीमारी से 30 से 40 हजार लोग प्रभावित हो रहे है। वैसे भी देश में मौजूदा समय में करीब सात करोड़ लोग इससे पीड़ित है। इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी और दूसरे क्षेत्रों के लोग शामिल है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में पेश किए गए अपने बजट में सिकल सेल से निपटने का अहम ऐलान किया है। जिसमें इससे पीडि़त सात करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग करने का ऐलान भी किया गया है। माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही सरकार इसे जड़ से खत्म की योजना तैयार करेगी।