अमेरिका ने बनाया दुनिया का सबसे ताकतवर सुपर कंप्यूटर
इस सुपरपॉवर देश ने सोमवार को अब तक का सबसे ताकतवर कंप्यूटर ‘समिट’ लांच किया। अमेरिका के उर्जा विभाग की ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी के लिए इसे अमेरिकी आइटी कंपनी आइबीएम ने बनाया है।
[जागरण स्पेशल]। सुपर कंप्यूटर बनाने के मामले में जापान और चीन को पछाड़ते हुए अमेरिका ने इस क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम की है। इस सुपरपॉवर देश ने सोमवार को अब तक का सबसे ताकतवर कंप्यूटर ‘समिट’ लांच किया। अमेरिका के उर्जा विभाग की ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी के लिए इसे अमेरिकी आइटी कंपनी आइबीएम ने बनाया है। यह विभाग के पिछले सुपर कंप्यूटर टाइटन से आठ गुना ज्यादा ताकतवर है। यह एक सेकंड में दो लाख ट्रिलियन (दो लाख लाख करोड़) गणनाएं करने में सक्षम है। इसका उपयोग उर्जा, एडवांस्ड मैटेरियल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में रिसर्च करने के लिए किया जाएगा।
कई क्षेत्रों में होगा मददगार
समिट न सिर्फ वैज्ञानिक मॉडल बनाने में सहायक होगा, बल्कि कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और वैज्ञानिक खोज को एक साथ ला सकेगा। इसके जरिए शोधकर्ता इंसानी स्वास्थ्य, हाइ एनर्जी फिजिक्स, तत्वों की खोज समेत कई क्षेत्रों की समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीक इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे।
पीटाफ्लॉप्स
सुपरकंप्यूटर्स की कार्यक्षमता को मिलियन इंस्ट्रक्शंस पर सेकंड (एमआइपीएस) की बजाय फ्लोटिंग-प्वाइंट ऑपरेशन पर सेकंड (फ्लॉप्स) में मापा जाता है। ऐसे सुपरकंप्यूटर जो प्रति सेकंड क्वाड्रिलियन (दस लाख अरब) तक गणनाएं कर सकते हैं उनकी क्षमता पीटाफ्लॉप्स में मापी जाती है। वहीं एक करोड़ गीगाबाइट मिलाकर एक पीटाबाइट बनता है।
कहां खड़े हैं हम
1980 में भारत अमेरिका से क्रे सुपरकंप्यूटर खरीदना चाहता था, लेकिन कुछ कारणों से अमेरिका ने कंप्यूटर के निर्यात से मना कर दिया। इसके बाद 1991 में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने देश का पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर परम 8000 लांच किया। जून, 2017 में देश के चार सुपरकंप्यूटर शीर्ष 500 कंप्यूटरों की सूची में शामिल थे। सीडैक उन्नत श्रेणी के सुपरकंप्यूटर बनाने पर काम कर रहा है।
उर्जा विभाग के सचिव रिकी पैरी के मुताबिक समिट वैज्ञानिकों के लिए कई प्रकार की नई चुनौतियों से लड़ने का रास्ता दिखाएगा। इससे नई खोज और अविष्कारों को बढ़ावा मिलेगा जिससे देश के लोगों का फायदा होगा।