यूनीटेक के मालिकों को फिलहाल राहत नहीं
फ्लैट खरीददार वेबसाइट पर अपने फ्लैट और अदा की गई राशि आदि का पूरा ब्योरा देंगे और उस ब्योरे को अग्रवाल कोर्ट में पेश करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ठान लिया है कि वो जीवन की गाढ़ी कमाई लगा कर आशियाने का ख्वाब बुन रहे फ्लैट खरीददारों को परेशान नहीं होने देगा। शुक्रवार को कोर्ट ने यूनीटैक के मालिकों संजय चंद्रा व उसके भाई अजय चंद्रा की अंतरिम जमानत अर्जी पर सुनवाई टालते हुए पहले फ्लैट खरीददारों और उनकी बकाया कुल रकम का ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने कहा कि ब्योरा उनके सामने आने के बाद ही जमानत अर्जी पर विचार किया जायेगा। कोर्ट इस मामले में 21 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।
ये आदेश मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने चंद्रा बंधुओं की जमानत अर्जियों पर सुनवाई के दौरान दिये। पीठ ने अदालत की मदद के लिए नियुक्त न्यायमित्र पवन श्री अग्रवाल को निर्देश दिया कि वे सभी फ्लैट खरीददारों और उनकी कुल बकाया रकम का सारा ब्योरा एकत्र कर कोर्ट में पेश करें ताकि कोर्ट को पता चल सके कि कितने फ्लैट खरीददारों का कुल कितना पैसा कंपनी पर बकाया है। सुनवाई के दौरान अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि उन्हें पता चला है कि कंपनी के कुल 55 प्रोजेक्ट हैं जिसमें लोगों का पैसा फंसा है।
उन्होंने कहा कि रोजाना बहुत से लोग उनके आफिस अपनी परेशानियां लेकर आते हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 9 प्रोजेक्ट में 4000 फ्लैट खरीददार हैं जिन्होंने कुल 1800 करोड़ रुपये अदा किये हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें तो सिर्फ यही लग रहा था कि ये मामला 55 करोड़ रुपये का है लेकिन ये तो 1800 करोड़ रुपये की बात है। ऐसे में वे पहले ये जानना चाहेंगे कि कुल कितने प्रोजेक्ट हैं उनमें कितने लोगों ने कितना पैसा लगा रखा है। उधर कंपनी के वकीलों का कहना था कि उन पर दोहरी मार पड़ रही है वे लोगों को फ्लैट पर कब्जा दे रहे हैं।
90 फीसद लोगों को फ्लैट आफर किये गये हैं। लोग पैसे नहीं फ्लैट लेना चाहते हैं। कंपनी लगातार लोगों को फ्लैट पर कब्जा दे रही है। इस पर पीठ ने कहा कि वे भी उन सारे खरीददारों का ब्योरा कोर्ट को दें जिन्हें फ्लैट पर कब्जा दे दिया गया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 21 सिंतबर तय करते हुए पवन अग्रवाल से कहा कि वह एक वेबसाइट पर सभी फ्लैट खरीददारों का ब्योरा मंगाएं। फ्लैट खरीददार वेबसाइट पर अपने फ्लैट और अदा की गई राशि आदि का पूरा ब्योरा देंगे और उस ब्योरे को अग्रवाल कोर्ट में पेश करेंगे।
चंद्रा के वकीलों का कहना था कि उन्हें फिलहाल अंतरिम जमानत दे दी जाए ताकि वे बाहर आकर लोगों को उनका फ्लैट देने में मदद कर सकें। लेकिन कोर्ट इसके लिए राजी नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि पहले वो पूरा ब्योरा देखेंगा फिर जमानत पर सुनवाई करेगा।
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