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अमन की ओर घाटी: केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने लोकसभा में कहा- जम्मू-कश्मीर में कोई नेता नजरबंद नहीं

अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का पुनर्गठन करने के बाद से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पूरी तरह देश की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:52 AM (IST)
अमन की ओर घाटी: केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने लोकसभा में कहा- जम्मू-कश्मीर में कोई नेता नजरबंद नहीं
अमन की ओर घाटी: केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने लोकसभा में कहा- जम्मू-कश्मीर में कोई नेता नजरबंद नहीं

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल कोई भी नजरबंद नहीं है। हालांकि वहां अभी 223 लोग हिरासत में जरूर हैं।

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गृह राज्य मंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई उपाय किए गए हैं

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से मिली जानकारी के अनुसार सदन में बताया कि पिछले साल अगस्त माह में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद राज्य में व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई उपाय किए गए हैं। कई लोगों को एहतियातन हिरासत में भी रखा गया।

लिखित प्रश्न के जवाब में रेड्डी ने कहा- 223 लोग ही अब रह गए हैं हिरासत में

लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि 11 सितंबर 2020 को राज्य में 223 लोग हिरासत में थे जबकि घर में कोई भी शख्स नजरबंद नहीं था। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से आतंकी घटनाओं में काफी कमी आई है। 29 जून 2018 से लेकर 4 अगस्त 2019 (402 दिन) तक जहां 455 आतंकी वारदात दर्ज की गई वहीं 5 अगस्त 2019 से 9 सितंबर 2020 (402 दिन) तक मात्र 211 आतंकी वारदात दर्ज की गई।

एक साल में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के 111 प्रयास

लोकसभा में सरकार की ओर से बताया गया कि पिछले एक साल में सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के 111 मामलों में घुसपैठिए अपनी मंशा में कामयाब रहे।

सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद से जम्मू-कश्मीर तीन दशक से त्रस्त है

लोकसभा में अपने लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने बताया कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद से जम्मू-कश्मीर तीन दशक से अधिक समय से त्रस्त है। अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक 176 घुसपैठ के प्रयास हुए। जिनमें से 111 मामलों में घुसपैठिए भारतीय सीमा में घुसने में कामयाब रहे। हालांकि सरकार द्वारा अपनाई गई जीरो टालरेंस नीति से आतंकवाद और आतंकियों का सफाया करने में काफी मदद मिली है। इस साल पहली मार्च से लेकर 31 अगस्त तक 138 आतंकी मार गिराए गए। इस दौरान सीमा पार से फायरिंग, युद्ध विराम के उल्लंघन और आतंकवाद से लोहा लेते हुए 50 सुरक्षा जवानों ने अपने प्राण न्योछावर किए।

'जम्मू-कश्मीर व लद्दाख पूरी तरह देश की मुख्य धारा में शामिल'

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का पुनर्गठन करने के बाद से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पूरी तरह देश की मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं। इन केंद्र शासित प्रदेशों को अब उन्हीं सरकारी कानूनों और सुविधाओं का लाभ मिल रहा है जिनका लाभ देश के अन्य राज्यों के लोगों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मी-कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश से यहां के लोगों का सामाजिक आर्थिक विकास हो रहा है। भेदभाव वाले नियम कानून खत्म होने से सभी लोग सशक्त हुए हैं। जिनके साथ लंबे समय से भेदभाव हो रहा था उन्हें भी अब बराबरी का हक मिल रहा है। इस परिवर्तन से दोनों केंद्र शासित प्रदेश शांति और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।


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