नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहीं महिलाएं, केंद्रीय मंत्री बोले- महिलाओं की क्षमता का लाभ उठाने का वक्त आ गया
विज्ञान और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर आयोजित कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह वक्त महिलाओं की क्षमता का लाभ उठाने का है। वहीं मिलिंडा गेट्स ने कहा कि महिलाओं के लिए महिलाएं नीतियां बनाएं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारतीय महिलाएं महज भागीदारी से आगे बढ़कर नेतृत्व की भूमिका ग्रहण कर रही हैं और अब वे देश के समग्र विकास का अभिन्न हिस्सा बन चुकी हैं। यह राय उभरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय कांफ्रेंस-वूमेन लीडिंग चेंज इन हेल्थ एंड साइंस में। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि नए भारत की विकास यात्रा में महिला नेतृत्वकर्ताओं की अहम भूमिका है।
'महिलाओं की शक्ति का दौर आ गया है'
महिला केंद्रित नीतियों, कार्यक्रमों और परियोजनाओं से आगे निकलकर भारत आज महिलाओं के नेतृत्व वाली नीतियों, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के युग में आ गया है। महिलाओं की शक्ति का दौर आ गया है, लेकिन मानसिकता में बदलाव जरूरी है। महिलाएं जिस तरह बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं, उसे देखते हुए अब उनकी क्षमता का अधिक से अधिक लाभ उठाने का वक्त आ गया है।
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गेट्स फाउंडेशन ने चार करोड़ डालर किए खर्च
कांफ्रेंस में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह प्रमुख तथा ट्रस्टी मेलिंडा गेट्स भी उपस्थित थीं। जितेंद्र सिंह ने डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नालाजी के सहयोग से इस साल जुलाई तक गेट्स फाउंडेशन की ओर से चार करोड़ डालर की राशि खर्च किए जाने की सराहना करते हुए कहा कि इससे बड़ा बदलाव आया है। फाउंडेशन ने ढाई करोड़ डालर की अतिरिक्त राशि व्यय करने का वादा किया है।
'महिलाओं ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है'
जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की है। गगनयान समेत तमाम वैज्ञानिक परियोजनाओं का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि महिलाओं को जब अवसर दिया जाता है तो वे बेहतर नेतृत्वकर्ता साबित होती हैं।
'महिलाओं के लिए महिलाएं बनाएं नीतियां'
मेलिंडा गेट्स ने महिलाओं के लिए नीतियां महिलाओं द्वारा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में भारत में लैंगिक समानता के लिए उल्लेखनीय काम हुआ है। गेट्स ने कहा कि करीब बीस करोड़ महिलाओं को सीधे नकद हस्तांतरण का लाभ मिला है, जिससे उनका सशक्तीकऱण हुआ है।
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