केंद्रीय मंत्री बोले- फारूक शुक्र मनाएं, पाकिस्तान में बोलते तो जीभ काट दी जाती
भोपाल में आयोजित गोष्ठी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश में ऐसा कानून बने जो सभी धर्मो पर हो लागू हो।
नईदुनिया, भोपाल। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की विवादास्पद टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि फारूक शुक्र मनाएं, ऐसा यदि पाकिस्तान में बोलते तो जीभ काट ली जाती। यदि जवाहरलाल नेहरू की जगह सरदार पटेल प्रधानमंत्री बनते तो पीओके भारत का अंग होता। केंद्रीय मंत्री ने घटती हिंदू आबादी के खतरे गिनाते हुए देश में सभी धर्मो के लिए एक कानून बनाने की पैरवी की। वह बोले कि देश की संस्कृति और राष्ट्रवाद खतरे में है।
सरोकार संस्था द्वारा 'राष्ट्रवाद के संकल्प से नवभारत की सिद्धि' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि कुछ लोग खाते हिंदुस्तान का हैं पर भाषा पाकिस्तान की बोलते हैं। फारूक यदि पाक के खिलाफ वहां ऐसा बोलते तो उनकी जीभ काट ली जाती। यह लोकतंत्र का नंगा चित्र और राष्ट्रवाद के लिए घातक है। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून जरूरी बताया और बिगड़ रहे आबादी संतुलन पर चिंता जताई।
22 फीसदी थे एक प्रतिशत बचे हिंदू
गिरिराज ने बताया कि देश जब आजाद हुआ तब पाकिस्तान में 22 फीसदी हिंदू थे, जो आज महज एक प्रतिशत बचे। ऐसा नहीं कि हिंदू महिलाएं बांझ अथवा पुरुष नपुंसक हो गए हैं। जबरिया धर्म परिवर्तन करा दिया गया। उस वक्त भारत में 90 फीसदी हिंदू और आठ फीसदी मुस्लिम थे, आज यहां मुस्लिम आबादी 22 फीसदी हो गई और हिंदू 72 प्रतिशत बचे। केरल के मल्लपुरम में हिंदुओं का प्रवेश बंद है।
अब उमर बोले, वापस लेकर दिखाएं गुलाम कश्मीर
गुलाम कश्मीर पाकिस्तान का होने संबंधी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान पर जारी विरोध के बीच उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को चुनौती दी है कि वह इसे वापस लेकर दिखाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर ने ट्वीटर पर लिखा कि गुलाम कश्मीर को लेकर खोखले दावे करने के बजाए कार्रवाई कर उनके पिता को गलत साबित किया जाए। उमर ने ऐसा गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर के बयान की प्रतिक्रिया में कहा है। अहीर ने कहा था कि गुलाम कश्मीर हमारा है। हम अगर चाहें तो इसे वापस ले सकते हैं। इसके जवाब में उमर ने पूछा है कि 'अगर चाहें' के क्या मायने हैं। अपनी कथनी को करनी में परिवर्तित कर बताएं।
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