केंद्रीय मंत्री ने रेल मंत्री को पत्र लिख की शिकायत, सुबह कर्मचारी सस्पेंड; शाम को बहाल
ग्वालियर में हंगामा होने के बाद झांसी, इलाहाबाद तक हड़कंप मचा तो आनन-फानन में झांसी के दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
नईदुनिया, ग्वालियर। जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस के गलत कोच डिस्प्ले होने के मामले में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने जिम्मेदार कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है, लेकिन झांसी रेल मंडल ने इस मामले में पूरी तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
ग्वालियर में हंगामा होने के बाद झांसी, इलाहाबाद तक हड़कंप मचा तो आनन-फानन में झांसी के दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन शाम को झांसी रेल मंडल ने पूरी गलती सागर के एक टीसी पर मढ़ते हुए झांसी में पदस्थ कर्मचारियों को बहाल कर दिया।
शनिवार को दशहरा पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दिल्ली लौट रहे थे। जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस के एच-1 कोच में उनका और उनकी पत्नी का रिजर्वेशन था। वे ट्रेन के आने से पहले प्लेटफॉर्म नंबर दो पर पहुंच गए। प्लेटफॉर्म नंबर दो पर ट्रेन के आने से पहले वे कोच इंडिकेटर के हिसाब से आगरा छोर की ओर पहुंचे, लेकिन जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर लगी तो उनका कोच बिल्कुल पीछे था। वे भागते हुए कोच तक पहुंचे। वे कोच में चढ़ पाते इससे पहले ही ट्रेन चलने लगी तो समर्थकों ने चेन पुलिंग कर दी।
एक बार एच-1 और एक बार ए-1 में चेन पुलिंग हुई। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। समर्थकों ने ट्रेन नहीं चलने दी और रिकॉर्डिग कर रहे आरपीएफ के एएसआइ का मोबाइल और जीआरपी स्टाफ का हैंडीकेम छीन लिया। माफी मांगने के करीब 40 मिनट बाद ट्रेन वहां से रवाना हो सकी। इस घटना से झांसी, इलाहाबाद के साथ-साथ दिल्ली तक हड़कंप मच गया।
सुबह ही झांसी में पदस्थ सीटीआइ यूके जैन और डिप्टी सीटीआई सरिता वर्मा को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद जांच शुरू हुई। रविवार दोपहर में ही मंत्री तोमर ने रेल मंत्री को पत्र लिख शिकायत की। जांच पूरी होने के बाद झांसी रेल मंडल के अधिकारियों ने इस मामले में खुद को पूरी तरह से बचा लिया। झांसी रेल मंडल ने जो जांच की उसमें जबलपुर रेल डिवीजन के सागर स्टेशन पर पदस्थ टीसी रामसिंह मीणा पर ठीकरा फोड़ते हुए अपने कर्मचारियों को शाम को ही बहाल कर दिया। जबकि सागर के टीसी की गलती के साथ-साथ झांसी में पदस्थ रेलवे स्टाफ की भी बड़ी लापरवाही थी। जिसके कारण यह स्थिति बनी।
झांसी रेल मंडल के वाणिज्य प्रबंधक नीरज भटनागर ने बताया, 'इस मामले में हमारे स्टाफ की कोई गलती नहीं है। स्टाफ को सागर के एक टीसी ने जो फॉरमेशन दिया था, उसी फॉरमेशन के हिसाब से झांसी में कोच डिस्पले हुआ और यही जानकारी ग्वालियर भी भेजी गई।'
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