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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बने डब्ल्यूएचओ एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन

डॉ हर्षवर्धन 34 सदस्यीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 11:14 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 02:12 AM (IST)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बने डब्ल्यूएचओ एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बने डब्ल्यूएचओ एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन का प्रभार ग्रहण कर लिया है। शुक्रवार को नई जवाबदेही संभालने के बाद केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट ने विश्व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य में फिर से ऊर्जा भरने के लिए वैश्विक साझेदारी मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया है।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत दुनिया के कई नेता चीन के वुहान में कोरोना वायरस के विकसित होने के कारणों और उसके बाद बीजिंग द्वारा उठाए गए कदमों की जांच की मांग कर रहे हैं। ऐसे समय में हर्षवर्धन 34 सदस्यीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक्जिक्युटिव बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए हैं। ट्रंप के डब्ल्यूएचओ को चेतावनी देने के बाद संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य निकाय के भीतर तनाव चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह डब्ल्यूएचओ की सदस्यता पर नए सिरे से विचार करेंगे और अगले 30 दिनों में अगर वह चीन से अपनी स्वतंत्रता प्रदर्शित करने में विफल रहा तो उसकी वित्तीय मदद स्थायी रूप से रोक देंगे।

लाखों लोगों को दी श्रद्धांजलि

जापान के हिरोकी नाकातानी की जगह लेने वाले हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मौजूद सभी गणमान्य लोगों से उन्होंने अग्रिम पंक्ति पर काम कर रहे सभी स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य का उत्साह बढ़ाने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री को वर्ष 2020-21 के लिए एक्जिक्युटिव बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है।

गौरतलब है कि अभी हाल ही में विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation या WHO) ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस से बचाव के लिए मलेरिया के इलाज में काम आने वाली जो दवा यानी हाइड्रॉक्‍सी क्‍लोरोक्‍वि‍न ले रहे हैं... उस मेडिसिन असर के बारे में अभी तक कोई साफ वैज्ञानिक प्रमान नहीं मिल सका है। WHO का कहना है कि वह कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए दवा के इस्तेमाल की सिफारिश केवल सीमि‍त तौर पर इलाज के परीक्षणों के बारे में ही करता है।


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