कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखा पत्र, दिए ये निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तमिलनाडु गुजरात आंध्र प्रदेश राजस्थान कर्नाटक पंजाब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रसार को रोकने के उपायों को बढ़ाने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ने लगा है। इसको लेकर केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus variant) के प्रसार को रोकने के उपायों को बढ़ाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए कहा है।
Union Health Secretary Rajesh Bhushan writes to the Chief Secretaries of Tamil Nadu, Gujarat, Andhra Pradesh, Rajasthan, Karnataka, Punjab, Jammu & Kashmir, and Haryana to step up containment and contact tracing, as measures to prevent the spread of Delta Plus variant. pic.twitter.com/Kw637EcBib
— ANI (@ANI) June 25, 2021
डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले पाए गए
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 50 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। अब तक इस वैरिएंट से संक्रमित तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न घोषित कर रखा है लेकिन विज्ञानियों की मानें तो अभी इसके ज्यादा संक्रामक होने के सुबूत नहीं मिले हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले 11 राज्यों में पाए गए हैं।
टीका नहीं लगवाने वालों के लिए खतरा बढ़ा
इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 48 मामले मिले हैं, लेकिन सूत्रों ने 50 मामले पाए जाने की बात कही। सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित दो मौतें हुई हैं। इनमें से किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। वहीं, समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में सरकारी अस्पताल में इस वैरिएंट से संक्रमित एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई है।
इन राज्यों में मिले मामले
अभी तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में डेल्टा प्लस के मामले मिल चुके हैं। सरकार का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट का प्रसार स्थानीय स्तर पर हो रहा है। इस वैरिएंट को लेकर और अध्ययन जारी है।
सबसे ज्यादा 20 केस महाराष्ट्र से
केंद्र सरकार की मानें तो देश में अब तक जीनोम किए गए 45 हजार नमूनों में से कोरोना के डेल्टा प्लस स्वरूप के 48 मामले सामने आए। इनमें से सबसे ज्यादा 20 केस महाराष्ट्र से हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि नए वैरिएंट के मामले बहुत कम हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के नौ मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामले सामने आए हैं।
प्रतिरक्षा को दे सकता है चकमा
इस बीच, इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) के निदेशक डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि अभी तक डेल्टा प्लस को लेकर जानकारी मिली है, उससे वह डेल्टा की तरह ही जान पड़ता है। अगर डेल्टा वैरिएंट आफ कंसर्न है तो डेल्टा प्लस भी उसी श्रेणी में आता है। डेल्टा से ही डेल्टा प्लस बना है। संक्रामकता को लेकर यह ज्यादा खतरनाक नहीं लग रहा, लेकिन एंटीबाडी और प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है।
दोनों टीके सभी वैरिएंट पर प्रभावी
केंद्र सरकार के आधिकारिक बयान के मुताबिक कोरोना के नए वैरिएंट के मामलों का अनुपात मई के 10.31 फीसद से बढ़कर जून में 51 फीसद हो गया है। सरकार का कहना है कि देश में लगाए जा रहे कोविड रोधी दोनों टीके कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। मौजूदा वक्त में 75 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10 फीसद से अधिक और 92 जिलों में 5-10 फीसद के बीच है।
आंध्र प्रदेश में ब्लैक फंगस से 237 लोगों की मौत
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश में ब्लैक फंगस के चलते 237 लोगों की मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अब तक इस फंगस के चलते संक्रमण के कुल 3,148 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1,398 लोग ठीक हो चुके हैं और 1,513 लोगों का इलाज चल रहा है।
दूसरी लहर में 776 डाक्टरों की गई जान : आइएमए
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 776 डाक्टरों की जान गई है। सबसे ज्यादा बिहार में 115 डाक्टरों की मौत हुई है। इसके बाद दिल्ली में 109, उत्तर प्रदेश में 79, बंगाल में 62, राजस्थान में 44, झारखंड में 39 और आंध्र प्रदेश में 40 डाक्टरों की मौत हुई है। आइएमए के मुताबिक महामारी की पहली लहर में 748 डाक्टरों की मौत हुई थी।