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वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, सरकार ने एचएएल से 48 हजार करोड़ के 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया

सरकार ने बुधवार को 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए एचएएल के साथ बुधवार को 48 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर औपचारिक मुहर लगाई। इस सौदे को रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा मेक इन इंडिया करार बताया जा रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 06:17 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 06:36 PM (IST)
वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, सरकार ने एचएएल से 48 हजार करोड़ के 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा किया
सरकार ने तेजस लड़ाकू विमानों के लिए HAL के साथ बड़ा करार किया है।

बेंगलुरु, पीटीआइ। भारतीय वायुसेना को तेजस लड़ाकू विमानों से लैस करने के लिए सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Ltd, HAL) के साथ बड़ा करार किया है। सरकार ने बुधवार को 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सरकारी एचएएल के साथ बुधवार को 48 हजार करोड़ रुपये के सौदे पर औपचारिक मुहर लगाई। सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Ltd, HAL) के साथ हुए इस सौदे को रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा 'मेक इन इंडिया' करार बताया है।  

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रक्षा मंत्रालय के खरीद मामलों के महानिदेशक वीएल कांता राव ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एचएएल के प्रबंध निदेशक आर माधवन को यह अनुबंध 'एयरो इंडिया-2021' के उद्घाटन के अवसर पर सौंपा। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- मैं बहुत खुश हूं। एचएएल को भारतीय वायुसेना से 83 नए स्वदेशी एलसीए तेजस एमके1ए के निर्माण का अनुबंध मिला है। इन विमानों की अनुमानित लागत 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।

रक्षा मंत्री (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि मुझे लगता है कि यह आज तक का सबसे बड़ा 'मेक इन इंडिया' रक्षा करार है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Ltd, HAL) द्वारा बनाया गया तेजस एक इंजन वाला बेहद कुशल मल्‍टीरोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है। मालूम हो कि हाल ही में पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने एचएएल से 73 तेजस एमके-1ए के साथ साथ 10 एलसीए तेजस एमके-1 ट्रेनी विमान खरीदने पर मुहर लगाई थी।

माधवन ने कहा कि 48 हजार करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना को तेजस एलसीए की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी। कुल 83 विमानों की आपूर्ति पूरी होने तक सालाना करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। भारत के अलावा दुनिया के कई दूसरे मुल्‍कों ने भी तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। आने वाले एक-दो वर्षों में इन विमानों के निर्यात के ऑर्डर मिलने की उम्‍मीद जताई जा रही है। एचएएल की मानें तो इन 83 एलसीए एमके1ए विमानों का उत्पादन बेंगलुरू की दो इकाइयों में होगा। 

माना जा रहा है कि इन विमानों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा। मालूम हो कि एकल इंजन वाला तेजस न सिर्फ स्वदेश निर्मित है वरन अपने लेवल के अन्य विदेशी विमानों से कई मायनों में बेहतर है। यह बाकी विमानों की तुलना में काफी किफायती भी है। बीते दिनों हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Ltd, HAL) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर माधवन ने बताया था कि अगले साल स्वदेशी तेजस बहुद्देशीय लड़ाकू विमान का और लेटेस्‍ट वर्जन सामने आ सकता है। पढ़ें विस्‍तृत रिपोर्ट- जानें किन युद्धक प्रणालियो से लैस होगा तेजस का अत्‍याधुनिक संस्‍करण


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