अघोषित विदेशी संपत्तियों की जांच के लिए आयकर विभाग में विशेष इकाइयां गठित, पनामा पेपर्स जैसे मामलों की होगी छानबीन
केंद्र सरकार ने आयकर विभाग (Income Tax department) की जांच शाखाओं में विशेष इकाई गठित की है। आयकर विभाग की यह विशेष इकाई भारतीय नागरिकों की अघोषित विदेशी संपत्ति और कालाधन से जुड़े मामलों की छानबीन पर ध्यान देगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने देशभर में आयकर विभाग की जांच शाखाओं में एक विशेष इकाई गठित की है। यह इकाई भारतीय नागरिकों की अघोषित विदेशी संपत्ति और कालाधन से जुड़े मामलों की जांच पर ध्यान देगी। हाल में देशभर में विभाग के सभी 14 जांच निदेशालयों में विदेशी परिसंपत्ति जांच इकाई (एफएआइयू) का गठन किया गया। पनामा पेपर्स जैसे लीक दस्तावेजों में सामने आई भारतीय कंपनियों के मामले की जांच का जिम्मा भी इन विशेष इकाइयों को मिलेगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मंजूरी मिलने के बाद इकाई के गठन के लिए नवंबर में कर विभाग के कुल 69 मौजूदा पदों में इसके अनुरूप बदलाव किया था। एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'भारत ने हाल में कई देशों के साथ संधि की और कुछ के साथ पूर्व में हुए समझौतों में सुधार को लेकर बातचीत की। इसके जरिये देश को बहुत सारे आंकड़े प्राप्त हो रहे हैं।'
अधिकारी ने कहा कि अब हम एक वैश्विक व्यवस्था से जुड़े हैं जहां कर सूचना का स्वत: आदान-प्रदान होता है। ज्यादा से ज्यादा देश पारदर्शिता लाने, ग्लोबल मनी लांड्रिंग की समस्या, आतंकवाद के वित्त पोषण और कर चोरी से निपटने के लिए आíथक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा तय अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का अनुपालन कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि अवैध तरीके से जमा विदेशी संपत्ति पर लगाम लगाने के लिए कर अधिकारियों को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्रोतों से काफी आंकड़े मिल रहे हैं। इसीलिए सूचना के विश्लेषण को लेकर एक अलग इकाई की जरूरत थी। भारत को जिन प्रमुख संधियों या व्यवस्था के तहत जानकारी मिल रही है, उनमें डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), टैक्स इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज एग्रीमेंट्स (टीआइईए) और हाल में भारत और अमेरिका के बीच हुए फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस (एफएटीसीए) शामिल हैं।