केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया भाषा की पढ़ाई के लिए लिखा झारखंड को पत्र
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि वह उड़िया भाषी स्कूलों की समस्याओं को प्रमुखता से निपटाएं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में प्रधान ने बताया कि अकेले झारखंड में उड़िया भाषी लोगों की संख्या करीब 20 लाख है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ओडिशा से सटे झारखंड और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में संचालित हो रहे उड़िया भाषी स्कूलों को मजूबती देने को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को जिस तरीके से मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है, उनमें वह राज्यों में चल रहे उड़िया भाषी स्कूलों की समस्याओं की ओर ध्यान दें। साथ ही इन स्कूलों में एनसीईआरटी के उड़िया भाषा में तैयार किए गए पाठ्यक्रम को लागू किया जाए।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दोनों ही राज्यों को इसमें पूरी मदद देने का भी आश्वासन दिया है। साथ ही कहा है कि वह उड़िया भाषी स्कूलों की समस्याओं को प्रमुखता से निपटाएं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में प्रधान ने बताया कि अकेले झारखंड में उड़िया भाषी लोगों की संख्या करीब 20 लाख है। इनमें से सबसे ज्यादा लोग पूर्व और पश्चिम सिंहभूम जिलों में रहते हैं। इसके साथ ही रांची, गुमला, धनबाद, बोकारो आदि जिलों में भी इनकी संख्या बहुतायत में है।
जेएनयू और बीएचयू को मिल सकते हैं नए कुलपति
वहीं, दूसरी ओर जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) और बनारास हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) सहित करीब आधा दर्जन केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अब जल्द ही नए कुलपति मिल जाएंगे। शिक्षा मंत्रालय ने जल्द ही इनकी नियुक्ति के संकेत दिए हैं। साथ ही बताया है कि जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद खाली पड़े हैं, उन सभी में नई नियुक्ति के लिए चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। इनमें से कई विश्वविद्यालयों के प्रस्ताव को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भी भेज दिया गया है। जहां से मंजूरी मिलते ही नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
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