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केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा, अब तक दस राज्यों में टिड्डियों से बचाव के किए गए उपाय

कृषि मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि टिड्डी खंड अधिकारी टिड्डियों पर काबू करने के लिए निर्देशित किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 06:24 AM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:58 AM (IST)
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा, अब तक दस राज्यों में टिड्डियों से बचाव के किए गए उपाय
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा, अब तक दस राज्यों में टिड्डियों से बचाव के किए गए उपाय

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान से आए टिड्डी दलों के हमलों से फसलों को बचाने के लिए दस राज्यों की 5.66 लाख हेक्टेयर से भी बड़े क्षेत्र को संरक्षित किया गया है। ध्यान रहे कि अप्रैल के महीने से देश टिड्डियों के हमले से जूझ रहा है। उत्तर भारत में इनका अधिक प्रकोप रहा है।

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कृषि मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि टिड्डी खंड अधिकारी टिड्डियों पर काबू करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 21 अगस्त तक 2,87,716 हेक्टेयर क्षेत्र को इन टिड्डियों से सुरक्षित रखने का इंतजाम किया गया है।

इन राज्यों में किए गए उपाय

राज्य सरकारों ने भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और बिहार में टिड्डियों की रोकथाम के इंतजाम किए हैं।

रविवार को जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर के चार स्थानों में भी टिड्डियों के नियंत्रण के उपाय किए गए। इसके अलावा, गुजरात के कच्छ में भी दो स्थानों पर नियंत्रण अभियान छेड़ा गया। मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में मानव बल और वाहनों को फसलों पर दवा के छिड़काव के लिए तैनात किया गया है।

केमिकल कंपाउंड की हुई पहचान 

बता दें कि वैज्ञानिकों ने टिड्डियों द्वारा छोड़े जाने वाले एक ऐसे केमिकल कंपाउंड (रसायनिक यौगिक) की पहचान की है जो उनके झुंड बनने के कारण बनता है। अब ऐसा माना जा रहा है कि इन कीटों को रोकने के लिए संभव है कि नए तरीकों की खोज के दरवाजे खोले जा सकते हैं। यदि वैज्ञानिकों को इनमें कामयाबी मिल गई तो वो इंसानों के सामने पैदा होने वाले खाद्य संकट को कम कर पाएंगे।

गौरतलब है कि टिड्डी दल जिस फसल पर बैठता है। उसे चट कर जाता है। पाकिस्तान से आए टिड्डियों ने देश के कई राज्यों में फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था।


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