अटल इरादों के सामने मौसम बना था रोड़ा, 6 घंटे देरी के बाद पूरा हो सका था पोखरण परीक्षण
आज से 20 साल पहले राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण छह घंटे की देरी के बाद पूरा हो सका था।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। आज से 20 साल पहले राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण छह घंटे की देरी के बाद पूरा हो सका था। डीआरडीओ के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि 11 मई 1998 को प्रतिकूल हवा दिशा के कारण पोखरण परमाणु परीक्षण छह घंटे देरी से शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि खराब मौसम और तेज हवा के कारण कुछ घंटों के लिए परीक्षण को स्थगित करने का भी निर्णय लिया गया। उस वक्त ऐसा मालूम पड़ रहा था कि हवा का बहाव विकिरण (रेडिएशन) को बस्ती वाले क्षेत्र या पाकिस्तान ले जा सकती है।
पोखरण परीक्षण करने वाली टीम का हिस्सा रहे मनजीत सिंह ने बताया, 'सुबह 9 बजे सभी तीनों उपकरणों के परीक्षण की थी, लेकिन प्रतिकूल हवा की दिशा के कारण पूरे कार्यक्रम में देरी हुई। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के प्रोटोकॉल के अनुसार, हवा की दिशा अन्य देशों या निवास क्षेत्रों के ओर नहीं होनी चाहिए। इसलिए हवा की दिशा बदलने के लिए सभी ने पूरे छह घंटे इंतजार किया।'
वैज्ञानिक ने बताया कि टीम परीक्षण के नियंत्रण कक्ष में इंतजार नहीं करना चाहती थी, क्योंकि विस्फोट के कारण झटके से यह गिर सकता था। पोखरण परीक्षणों के बाद भारत ने घोषणा की थी कि उसने परमाणु सीमा पार कर ली है।
बता दें कि मनजीत सिंह साल 1984 में बतौर जूनियर वैज्ञानिक डीआरडीओ की टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) में शामिल हुए थे। उन्हें 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था। 29 जुलाई, 2011 को सिंह ने टीबीआरएल निदेशक के रूप में प्रभारी पदभार संभाला।