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पाकिस्तान ने खोला नया मोर्चा, ढाई हजार लोगों का पलायन

शनिवार देर शाम पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांव पहाड़पुर स्थित बीएसएफ चौकी पर गोलीबारी की। इसके साथ ही पंजाब के सीमावर्ती गांव प्लाह को भी निशाना बनाया। पंजाब का यह गांव पहाड़पुर से सटा हुआ है। पाकिस्तान ने गांव प्लाह में मोर्टार व हैवी मशीन गन से फायर किए। हालांकि

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 05 Jan 2015 05:57 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jan 2015 06:33 AM (IST)
पाकिस्तान ने खोला नया मोर्चा, ढाई हजार लोगों का पलायन

जालंधर, जेएनएन। शनिवार देर शाम पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांव पहाड़पुर स्थित बीएसएफ चौकी पर गोलीबारी की। इसके साथ ही पंजाब के सीमावर्ती गांव प्लाह को भी निशाना बनाया। पंजाब का यह गांव पहाड़पुर से सटा हुआ है।

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पाकिस्तान ने गांव प्लाह में मोर्टार व हैवी मशीन गन से फायर किए। हालांकि इस फायरिंग में किसी प्रकार के जानी नुकसान की खबर नहीं है। रविवार को बीएसएफ ने गांव से मेड इन पाकिस्तान के मोर्टार व गोलियों के खोल अपने कब्जे में लिए हैं। सहमें हुए ग्रामीण अपने घरों में ही दुबके रहे और एहतियात बरतते हुए उन्होंने अपने घरों की लाइटें बंद रखीं। एसएसपी पठानकोट राकेश कौशल का कहना है कि पुलिस सीमा पर तैनात बीएसएफ के लगातार संपर्क में है। पुलिस पाकिस्तान की फायङ्क्षरग से अलर्ट भी है। पाकिस्तान ने हालांकि जम्मू-कश्मीर बार्डर को ही निशाना बनाया हुआ है परंतु बावजूद इसके जम्मू-कश्मीर के साथ सटे पंजाब के पठानकोट के गांवों को संवदेनशील माना जा रहा है।

कड़ी चौकसी पर बीएसएफ, सीमावर्ती गांवों से ढाई हजार लोगों का पलायन

जम्मू, जागरण ब्यूरो। गत वर्ष अक्टूबर में ईद-उल-अजहा पर गोलीबारी कर सीमा पर खून बहा चुका पाकिस्तान ईद-उल-मिलाद-उल-नबी पर काफी हद तक शांत रहा। इसके बावजूद बीएसएफ सीमा की सुरक्षा में कड़ी चौकसी बरत रही है। एक बजे के बाद से सीमा पार से भारतीय इलाकों पर गोलीबारी नहीं हुई।

सीमा सुरक्षा बल की ओर से कड़ा जवाब मिलने के बाद शनिवार रात साढ़े दस से रात एक बजे तक पाकिस्तान ने सांबा जिले के रामगढ़ की तीन चौकियों, बल्लड़, बल्लड़ फावर्ड व मल्लू चक्क पोस्ट पर गोलीबारी की। अलबत्ता, गोलीबारी सीमांत चौकियों तक ही सीमित रही। इसके बाद सीमांत क्षेत्रों में दहशत का माहौल रहा व लोगों को यही डर सताता रहा कि रात के अंधेरे में पता नहीं कब उनके घरों पर मोर्टार बरसने लग जाएं। शनिवार को पाकिस्तान ने पच्चीस के करीब भारतीय चौकियों व सीमांत क्षेत्रों को निशाना बनाया था। ऐसे हालात में अगर रविवार रात को भी गोलीबारी जारी रहती है तो सीमांत क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पलायन तय था।

वहीं, कठुआ जिले के हीरानगर में प्रशासन द्वारा बनाए गए 11 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए आठ सौ और लोग पहुंच गए हैं। इस समय राहत शिविरों में अढ़ाई हजार के करीब सीमांत गांव वासी शरण लिए हुए हैं।

इस बीच पाकिस्तान की गतिविधियों पर पूरी नजर रख रहे सीमा सुरक्षा बल के जवाने किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुराने अनुभवों को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान पर यकीन नहीं किया जा सकता है। इस बीच सूत्रों के अनुसार सीमा प्रहरियों ने सांबा के बैन ग्लाड के ठीक सामने स्थित एक पाकिस्तानी चौकी को भारी क्षति पहुंचाई है।

राहत शिविरों में ही होगी पढ़ाई

रामगढ़। सरहद के तनाव का विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई असर न पड़े इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी कर ली है। सीमांत गांवों के बच्चों को राहत शिवरों में ही शिक्षा दी जाएगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी सांबा मंगल देव ने बताया कि सरहद पर बढ़ते तनाव को देखते हुए सीमांत स्कूलों को अभी बंद रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पांच किलोमीटर दायरे में पड़ते सभी सरकारी स्कूलों को हालात समान्य होने तक बंद रखा जाएगा। शिक्षक स्टाफ को इस बात के आदेश जारी होंगे कि जहां भी कहीं राहत शिविरों में स्कूली विद्यार्थी ठहरे हैं, उनको वहीं पर पढ़ाया जाए।

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