समझकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कोरोना से जंग को जुटें एक साथ
डॉ. राकेश चावला ने बताया कि चेहरे पर मास्क शारीरिक दूरी कहीं पर भी थूकने से बचना और स्वच्छता का ध्यान रखना ही कोरोना संक्रमण से बचने का है कारगर उपाय..
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचे रहने का अचूक उपाय है मास्क का इस्तेमाल, लेकिन जागरूकता अभियानों और सरकारी दिशा-निर्देशों के बावजूद अभी भी लोग इसके प्रयोग को लेकर गंभीर नहीं हैं। संभवत: यही वजह रही कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार को ‘मन की बात’ में नागरिकों से कोरोना संक्रमण के खिलाफ एकजुट होने, इससे बचने के लिए सभी एहतियात बरतने, सहयोग करने के साथ ही मास्क के प्रयोग, शारीरिक दूरी के पालन और व्यक्तिगत स्वच्छता बरतने के लिए देशवासियों से पुनः अपील की। जानें क्या कहते है रेस्पीरेटरी मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश चावला।
ठीक ढंग से पहना गया मास्क हमें खतरों से बचाता है: यह पहली बार नहीं है, जब चिकित्सकों व सरकार ने कोरोना वायरस के कारण लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। इससे पहले भी कई बार वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क के प्रयोग की सलाह दी जा चुकी है। कोरोना संक्रमण ही नहीं, ठीक ढंग से पहना गया मास्क हमें हर तरह के वायरस, वायु प्रदूषण, केमिकल एक्सपोजर, संक्रामक बीमारियों और जहरीले धुएं के खतरों से बचाता है। सरकार के बार-बार कहने के बाद भी अधिसंख्य लोग मास्क के प्रयोग को लेकर गंभीर नहीं हैं।
अधिसंख्य लोगों की सोच होती है कि मास्क पहनने से उनकी सुंदरता प्रभावित होगी या उन्हें सांस लेने में समस्या पैदा होगी। पर अब हमें इस भ्रम से उबरना होगा, क्योंकि कोविड-19 का खतरा कब समाप्त होगा, अभी यह कह पाना मुश्किल है। इसलिए सही ढंग से पहने गए मास्क अथवा गमछे-अंगौछे को हमें डेली एक्सेसरीज के तौर पर इस्तेमाल करना होगा। सही ढंग से पहनने का अर्थ है कि इससे नाक-मुंह -ठोढ़ी ढके रहें और बातचीत करने या मिलने पर भी इसे नीचे न सरकाएं। यह अच्छी आदत न सिर्फ कोरोना संक्रमण से बचाएगी बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी दूर रखेगी।
यह प्रमाणित वैज्ञानिक तथ्य है कि मास्क हमारे श्वसनतंत्र को सुरक्षित रखने में मदद करता है। अधिसंख्य वायरस सांस द्वारा शरीर में पहुंचकर ही संक्रमण फैलाते हैं। अस्थमा, एलर्जी व फेफड़ों में होने वाली बीमारियों का खतरा मास्क के प्रयोग से कम हो जाता है। इस तरह से मास्क हमें ढेरों बीमारियों से सळ्रक्षित रखता है। इतना ही नहीं, वे लोग जो खुद धूमपान नहीं करते लेकिन दूसरों के कारण जहरीले धुएं का शिकार बनते हैं, यदि ऐसे लोग मास्क का प्रयोग करते हैं तो वे इससे पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। ऐसा न करने पर सांस के साथ धुआं शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों के साथ ही अन्य अंगों को प्रभावित करता है और कई बार यह जीवन के लिए खतरा भी बनता है।
बेशक, आज पूरी दुनिया कोरोना के संक्रमण से जूझ रही है लेकिन यह स्पष्ट हो चुका है कि इससे बचने का कारगर उपाय चिकित्सकों द्वारा सुझाए गए तरीकों का पालन करना और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना है। शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग और हाथों को सेनिटाइजर या साबुन से थोड़ी-थोड़ी देर में धोने पर ही हम कोराना के साथ ही अन्य संक्रामक बीमारियों के खतरे से सुरक्षित रहेंगे। अब हमें इन उपायों को अपनी जीवनशैली बनाना होगा।
कई बीमारियों से भी होता बचाव: प्रदूषण कई बीमारियों का कारण बनता है। इसमें दिल और बीपी के मरीजों की संख्या अधिक होती है। हवा में मौजूद छोटे कण, ओजोन, सल्फर डाइ ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों में समस्या की वजह हैं। लोग मास्क लगाकर बाहर निकलेंगे तो वे हवा में मौजूद इन सभी जहरीले कणों से बच सकते हैं।
टीबी के संक्रमण से रक्षा: टीबी एक ऐसी बीमारी है, जो हवा में पनपने वाले बैक्टीरिया से फैलती है। खांसने और छींकने पर मरीज के संक्रमित बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं और फिर दूसरों को भी बीमार करते हैं। टीबी के बहुत से मरीज कहीं भी थूक या छींक देते हैं, जिसके कारण आसपास मौजूद लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। यदि आपने मास्क लगा रखा है तो इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में बताया कि कभी-कभी हमें मास्क से तकलीफ होती है और मन करता है कि चेहरे से मास्क हटा दें। हम मास्क हटाकर बातचीत करना शुरु कर देते हैं। ऐसे में मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आपको मास्क के कारण तकलीफ महसूस हो और इसे उतारने का मन करे तो पलभर के लिए उन डॉक्टर्स, नर्सों व कोरोना वारियर्स का स्मरण करिए जो हम सबका जीवन बचाने के लिए लगातार 10-10 घंटे तक मास्क पहने रहते हैं। क्या तकलीफ उनको नहीं होती? इसलिए एक सजग नागरिक बनकर हमें इसमें कोई कोताही नहीं बरतनी है।
मन की बात (26.7.2020)