जानिए, कब से शुरू होगा अंडर ग्रेजुएट और और पोस्ट ग्रेजुएट का सत्र, कमेटी ने की सिफारिश
विश्वविद्यालयों औऱ कॉलेजों की शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने को लेकर प्रो आरसी कुहाड की अगुवाई में गठित यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने यह सिफारिश की है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। यदि कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंडर-ग्रेजुएट का सत्र अब नवंबर से और पोस्ट ग्रेजुएट का सत्र दिसंबर से शुरू होगा। हालांकि अंडर- ग्रेजुएट व पोस्ट-ग्रेजुएट के दूसरे औऱ तीसरे वर्ष के छात्रों की पढ़ाई अगस्त से ही शुरू हो जाएगी। यह शुरुआत में घर बैठे ऑनलाइन तरीके से ही कराई जाएगी, लेकिन कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद यह पहले की तरह क्लास रूम के जरिए होगी। फिलहाल यह फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ा गया है।
यूजीसी बोर्ड के सामने रखा जाएंगी सिफारिशें
कोरोना संक्रमण के चलते बंद पड़े विश्वविद्यालयों औऱ कॉलेजों की शैक्षणिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने को लेकर प्रो आरसी कुहाड की अगुवाई में गठित यूजीसी की उच्च स्तरीय कमेटी ने यह सिफारिश की है। फिलहाल इन सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए यूजीसी बोर्ड के सामने रखा जाना था, लेकिन विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के चलते यूजीसी ने इसे कुछ दिनों के लिए टाल दिया है।
माना जा रहा है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला आने के बाद ही अब वह इसे जारी करेगा। यूजीसी ने हाल ही में विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष की परीक्षा को अहम बताते हुए इसे सितंबर अंत तक कराने के लिए कहा है। जिसे लेकर कई राज्य विरोध में हो रहा है। फिलहाल ज्यादातर विश्वविद्यालय यूजीसी के फैसले के समर्थन में है।
अंडर-ग्रेजुएट की प्रवेश प्रक्रिया को अक्टूबर करना होगा पूरा
इस बीच यूजीसी की उच्च स्तरीय कुहाड कमेटी ने जो रोडमैप पेश किया है, उसके तहत विश्वविद्यालयों को अंडर-ग्रेजुएट की प्रवेश प्रक्रिया को अक्टूबर तक पूरा करना होगा। यह इसलिए अहम है, क्योंकि इसके बाद ही नया सत्र नवबर 2020 से शुरू हो सकेगा। कमेटी ने अपनी सिफारिश में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी और प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी बताया है।
यूजीसी को भेजी अपनी सिफारिशों में कमेटी ने सभी विवि और कालेजों से ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने पर भी जोर दिया है। साथ ही कहा है कि ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ी गतिविधियों को उन्हें आगे भी जारी रखना होगा। यूजीसी इससे पहले अप्रैल में जारी अपनी पहली गाइडलाइन में ही सभी विश्वविद्यालयों से 30 फीसद कोर्स ऑनलाइन पढ़ाने का सुझाव दिया था।