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आजादी का अमृत महोत्सव: दुनिया भर में 5000 से अधिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन- श्रृंगला

विदेश सचिव ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत दुनिया भर में विदेश मंत्रालय की ओर से 5000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। करीब करीब इतने ही इवेंंट अभी से अगस्त 2022 तक आयोजित किए जाने हैैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 11:57 PM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 12:32 AM (IST)
आजादी का अमृत महोत्सव: दुनिया भर में 5000 से अधिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन- श्रृंगला
दुनिया भर में 5000 से अधिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

 नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने मंगलवार को कहा, 'हम आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं। इसके तहत दुनिया भर में विदेश मंत्रालय की ओर से 5000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। करीब करीब इतने ही इवेंंट अभी से अगस्त 2022 तक आयोजित किए जाने हैैं।'  बता दें कि श्रृंगला दो दिनों के म्यांमार दौरे पर रवाना हो गए हैं। वहां वे शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। विदेश सचिव म्यांमार को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने, भारत म्यांमार सीमा मामले पर चर्चा करेंगे।

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शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी से मुलाकात

विदेश सचिव श्रृंगला ने मंगलवार को फ्रांस के यूरोप एवं विदेशी मामलों के मंत्रालय में महासचिव फ्रैंकोइस डेलाट्रे से आपसी हितों के कई क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर चर्चा की। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से भी द्विपक्षीय मामलों और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर बातचीत की। डेलाट्रे 22 दिसंबर तक भारत यात्रा पर हैं। उनकी यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जबकि हाल में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले ने भारत यात्रा की है।

वैश्विक मंच पर भारत की अहमियत बढ़ी : जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत का कद काफी बढ़ा है तथा विश्व भारत से और ज्यादा अपेक्षाएं रखता है।'सुशासन सप्ताह' से जुड़े एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव हुआ है और इसके कई मायने हैं। हम खुद को एक अलग ही रणनीतिक माहौल में पाते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'वैश्वीकरण के इस दौर में अपने राष्ट्रीय विकास के लिए हम भी दुनिया से काफी कुछ मांग सकते हैं। इस सब का सुशासन से सीधा संबंध है।' जयशंकर ने कहा कि कोरोना महामारी ने देश के समक्ष अभूतपूर्व चुनौती पेश की जिसने कई मुद्दों से तात्कालिक तौर पर निपटने के लिए मजबूर किया। इनमें से एक आपूर्ति श्रृंखला को ऐसे समय में खुला रखना था जब कई सीमाएं बंद थीं।


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