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ब्रिटेन ने कहा, गुप्त कानूनी मामले के समाधान तक भगोड़े कारोबारी माल्या का भारत को प्रत्यर्पण नहीं

ब्रिटेन ने भारत से कहा है कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को एक गोपनीय मामले का समाधान होने तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 06:03 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 06:03 AM (IST)
ब्रिटेन ने कहा, गुप्त कानूनी मामले के समाधान तक भगोड़े कारोबारी माल्या का भारत को प्रत्यर्पण नहीं
ब्रिटेन ने कहा है कि माल्या को मामले का समाधान होने तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। ब्रिटेन ने भारत से कहा है कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Fugitive Businessman Vijay Mallya) को एक गोपनीय मामले का समाधान होने तक प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। माल्या प्रत्यर्पण के खिलाफ मई में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपनी अपील हार गया था। भारत तभी से माल्या को प्रत्यर्पित करने के लिए ब्रिटेन पर दबाव बना रहा है। भगोड़े कारोबारी पर मनी लांड्रिंग और फर्जीवाड़े के आरोप हैं।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अब हमें बताया गया है कि कोई गोपनीय कानूनी मामला है और इसका समाधान होने तक उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण के खिलाफ सभी प्रयासों में माल्या के हार जाने के बाद भारत लगातार ब्रिटेन सरकार के संपर्क में है। जून में भारत ने ब्रिटेन से अनुरोध किया था कि वह माल्या को शरण देने के अनुरोध पर विचार न करे, क्योंकि देश में उसका उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों विदेश मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार को ब्रिटेन में चल रही गुप्त कार्यवाही और कारणों की जानकारी नहीं है जो माल्या के प्रत्यर्पण में देरी की वजह बन रही रही है। सरकार ने सोमवार को शीर्ष अदालत को बताया था कि जब तक ब्रिटेन में न्यायिक और गोपनीय कार्यवाही समाप्त नहीं हो जाती तब तक माल्या को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है।

इसी जवाब पर शिवसेना ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला बोला था। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में कहा कि विपक्ष जब कोई जानकारी मांगता है तब सरकार कहती है कि उसके पास कोई आंकड़े नहीं हैं। अदालत जब विवरण मांगती है तब सरकार के वकील कहते हैं कि उनके पास कोई जानकारी नहीं है। सरकार कितनी बार और कितने मामलों में कहेगी कि उसे कुछ नहीं पता है... 


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