यह MBA महिला सरपंच बनी मिसाल, यूनिवर्सिटी सिलेबस तक पहुंची गांव के विकास की तस्वीर
बड़नगर क्षेत्र की भिड़ावद पंचायत में एमबीए सरपंच द्वारा गांव की बेहतरी के लिए किए कार्य महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्र्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मिसाल बन रहे हैं।
अशोक शर्मा, बड़नगर। मध्य प्रदेश के उज्जैन के बड़नगर क्षेत्र की भिड़ावद पंचायत में एमबीए पास युवा सरपंच द्वारा गांव की बेहतरी के लिए किए कार्य महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन गए। सामाजिक कार्य विषय में द्वितीय वर्ष के स्नातक पाठ्यक्रम में इस सरपंच की उपलब्धियों को पढ़ाया जा रहा है।
ग्राम पंचायत भिड़ावद की सरपंच रितु पांचाल ने पंचायत के अधीन तीन गांवों में समग्र विकास के लिए अनेक कार्य किए, जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व विकास कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए विवि स्नातक कोर्स के पाठ्यक्रम में स्थान मिला। ‘सामुदायिक नेतृत्व में विशेषज्ञता’ अध्याय के रूप में द्वितीय वर्ष के महिला विकास व सशक्तीकरण (माड्यूल-11) में उनकी प्रेरणादायी कहानी शामिल की गई है।
ग्रामीणों के सहयोग से हुए ये कार्य
रितु पांचाल की जिन उपलब्धियों को गिनाया गया है, उनमें ग्रामीणों के सहयोग से सीमेंट-कंक्रीट सड़क बनाने, सभी घरों में नलों से पेयजल उपलब्ध कराने के अलावा प्रदेश का पहला खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) गांव घोषित किए जाने का दावा भी किया गया है। दो साल पहले तैयार माड्यूल में सरपंच की तब की भावी कार्ययोजना के तहत गांव में वाई-फाई, सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट लगाने, ई-समाधान केंद्र व ई-पंचायत सुविधा मुहैया कराने का उल्लेख भी है। रितु ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से फाइनेंस में प्रबंधन की स्नाकोत्तर उपाधि (एमबीए) पाई है।
सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति हो शिक्षित
रितु कहती हैं,शासन की नीतियों के तहत ही पंचायत के तहत आने वाले गांवों के रहवासियों को सुविधाएं दिलाई हैं। मेरे शिक्षित होने का लाभ ग्रामवासियों को मिला है। कई योजनाओं के लिए मुझे किसी अधिकारी के पास नहीं जाना पड़ा। कई सुविधाएं ऑनलाइन ही प्राप्त हो जाती हैं। उनका मानना है कि राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले हर व्यक्ति को शिक्षित होना चाहिए।
सरपंच गांव की बेटियों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
उप सरपंच हरिसिंह गोयल कहते हैं, सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था से लेकर स्कूलों में तार फेंसिंग और आंगनवाड़ियों के निरीक्षण तक, सब कुछ व्यवस्थित हो गया। सरपंच के पढ़े लिखे होने से अफसर भी अब हमारी समस्याएं सुनते हैं। हमारी सरपंच गांव की बेटियों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।