Move to Jagran APP

15 सितंबर से टेलिकॉम कंपनियों ने किया बड़ा बदलाव, अब ऐसे मिलेगा सिम कार्ड

आधार के बिना अन्य पहचान पत्र से सिम लेने पर यह लागू नहीं होगा।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 12:13 AM (IST)
15 सितंबर से टेलिकॉम कंपनियों ने किया बड़ा बदलाव, अब ऐसे मिलेगा सिम कार्ड
15 सितंबर से टेलिकॉम कंपनियों ने किया बड़ा बदलाव, अब ऐसे मिलेगा सिम कार्ड

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए पहचान के सत्यापन में चेहरा मिलाने (फेस रिकॉग्निशन) की व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू करने का एलान किया है। इसकी शुरुआत 15 सितंबर से होगी। ऐसा नहीं होने पर कंपनियों को जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। पहले इस व्यवस्था को एक जुलाई से लागू किया जाना था। बाद में तारीख को बढ़ाकर पहली अगस्त कर दिया गया था। कंपनियों की तैयारी पूरी नहीं होने के कारण इसे फिर टालना पड़ा था।

loksabha election banner

यूआइडीएआइ के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि चेहरे के मिलान की यह व्यवस्था वहीं लागू होगी, जहां सिम लेने के लिए आधार का प्रयोग होगा। आधार के बिना अन्य पहचान पत्र से सिम लेने पर यह लागू नहीं होगा। पांडे ने कहा कि चेहरे से सत्यापन उन ग्राहकों के लिए सुविधाजनक होगा, जो किन्हीं कारणों से अंगुलियों के निशान से सत्यापन नहीं करा पाते। इसके अलावा फिंगरप्रिंट और लाइव फेस फोटो के जरिये सत्यापन से सुरक्षा भी मजबूत होगी।

यूआइडीएआइ ने कहा कि जहां भी आधार के जरिये सिम लिया जाएगा, वहां ई-केवाईसी (आधार) में लगी फोटो का मिलान लाइव फेस फोटो से करना आवश्यक होगा। इसके लिए टेलीकॉम कंपनी सिम एक्टिव करने से पहले ग्राहक की तस्वीर खींचेगी और आधार की फोटो से उसका मिलान करेगी। कंपनी को दोनों ही तस्वीरें अपने डाटाबेस में रखनी होंगी, ताकि कभी भी ऑडिट के समय उसे जांचा जा सके। कंपनियों को यह भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि लाइव फोटो के लिए ग्राहक का उपस्थित रहना जरूरी होगा। किसी फोटो को कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर लेना मान्य नहीं होगा।

यूआइडीएआइ का कहना है कि चेहरे के जरिये सत्यापन की यह व्यवस्था इसलिए तैयार की जा रही है, जिससे फिंगरप्रिंट की संभावित क्लोनिंग जैसे नए खतरों से निपटा जा सके। प्राधिकरण ने कहा कि जहां ग्राहक सिम के लिए आधार नंबर देगा, वहां सत्यापन फिंगरप्रिंट या आंख की पुतली और चेहरे से होगा। जिस मामले में ग्राहक वर्चुअल आइडी देगा, वहां फिंगरप्रिंट या पुतली से सत्यापन होगा। यदि ग्राहक फिंगरप्रिंट या पुतली से सत्यापन में अक्षम है, तो उसे चेहरे से सत्यापन का विकल्प मिलेगा। व्यवस्था को ज्यादा समावेशी बनाने के लिए यह विकल्प दिया जाएगा।

यूआइडीएआइ के सर्कुलर के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों को कहा गया है कि 15 सितंबर से वे हर महीने होने वाले कुल सत्यापन में से कम से कम 10 फीसद सत्यापन चेहरे का मिलान करते हुए करें। ऐसा नहीं कर पाने पर उन्हें हर सत्यापन पर 20 पैसे का शुल्क चुकाना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.