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UGC: यूजीसी ने छात्रों को पेरियार विवि के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम को लेकर चेताया

यूजीसी से मंजूरी लिए बगैर ओडीएल कार्यक्रम चला रहा है। यह यूजीसी अधिनियम और समय-समय पर उसके संशोधनों के तहत तय शर्तो का गंभीर उल्लंघन है। विश्वविद्यालय ने अपने दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम में यूजीसी (खुली एवं दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम एवं आनलाइन कार्यक्रम) नियमन 2020 का उल्लंघन किया है।

By Shashank_MishraEdited By: Published: Tue, 31 May 2022 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 31 May 2022 10:07 PM (IST)
UGC: यूजीसी ने छात्रों को पेरियार विवि के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम को लेकर चेताया
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, 2022-23 और 2023-24 के लिए उच्च शिक्षा संस्थान के किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों को तमिलनाडु में पेरियार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम में नामांकन कराने को लेकर सचेत किया है। यूजीसी ने कहा है कि विवि के ऐसे किसी पाठ्यक्रम को मान्यता नहीं है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ध्यान में आया कि विश्वविद्यालय ने अपने दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम में यूजीसी (खुली एवं दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम एवं आनलाइन कार्यक्रम) नियमन 2020 का उल्लंघन किया है। इसके बाद आयोग ने यह चेतावनी जारी की है।

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यूजीसी ने नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप

विश्वविद्यालय ने इस मुद्दे पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।विश्वविद्यालय को 2007-2008 से 2014-2015 तक और 2019-2020 के लिए दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) मोड के माध्यम से कार्यक्रम पेश करने की मान्यता थी। आयोग के सचिव राजनीश जैन ने कहा कि आयोग के ध्यान में आया है कि तमिलनाडु का पेरियार विश्वविद्यालय बिना पूर्णकालिक निदेशक के काम कर रहा है। उसके पास पर्याप्त पूर्णकालिक फैकल्टी और शिक्षक-कर्मचारी नहीं हैं। उसने अभी तक सेंटर भी स्थापित नहीं किया है और यूजीसी से मंजूरी लिए बगैर ओडीएल कार्यक्रम चला रहा है। यह यूजीसी अधिनियम और समय-समय पर उसके संशोधनों के तहत तय शर्तो का गंभीर उल्लंघन है।

यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कहा कि शिकायत निवारण समिति की सिफारिशों के अनुसार, आयोग ने फैसला किया है कि 2022-23 और 2023-24 के लिए उच्च शिक्षा संस्थान के किसी भी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। प्राप्त शिकायतों और उल्लंघनों की सूचनाओं को मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्यपाल और सचिव, राज्य सरकार, को भेजा जाएगा।

इसलिए, आम जनता और छात्रों को इस सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से आगाह किया जाता है कि वे ओडीएल मोड के माध्यम से पेरियार विश्वविद्यालय, तमिलनाडु द्वारा पेश किए गए किसी भी कार्यक्रम में प्रवेश न लें। इस तरह के कार्यक्रमों में प्रवेश लेने से यूजीसी द्वारा कार्यक्रमों को मान्यता नहीं दिए जाने के कारण छात्रों का करियर खतरे में पड़ सकता है।


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