यूजीसी ने दी विश्वविद्यालय शिक्षकों को बड़ी राहत, पदोन्नति में रोड़ा नहीं बनेंगी विशेष छुट्टियां
यूजीसी ने एपीआई को लेकर यह स्थिति उस समय साफ की है, जब इन छुट्टियों के चलते शिक्षकों का एपीआई स्कोर खराब हो रहा था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों को विश्वविद्यालय अनुदान अयोग (यूजीसी) ने एक बड़ी राहत दी है। इसके तहत उनकी पदोन्नति की राह में सेवाकाल के दौरान ली गई विशेष छुट्टियां अब आड़े नहीं आएंगी। यूजीसी ने एकेडमिक परफार्मेंस इंडीकेटर (एपीआई) में ऐसी छुट्टियों को न जोड़ने का फैसला लिया है। इस संबंध में यूजीसी ने सभी विश्र्वविद्यालयों को निर्देश भी जारी किया है।
यूजीसी ने एपीआई को लेकर यह स्थिति उस समय साफ की है, जब इन छुट्टियों के चलते शिक्षकों का एपीआई स्कोर खराब हो रहा था। इसे लेकर शिक्षकों की नाराजगी भी सामने आने लगी थी। इनमें कुछ ऐसे मामले भी थे, जिसमें शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति या फिर चिकित्सा अवकाश की अवधि को भी एपीआई के तहत सामान्य छुट्टियों में जोड़ दिया गया था, इसके चलते उनका परफार्मेंस स्कोर लगातार खराब हो रहा था। जो उनकी पदोन्नति की राह में एक बड़ी बाधा बनती जा रही थी।
यूजीसी ने शिक्षकों की इन आपत्तियों को वाजिब मानते हुए एपीआई की स्कोर की प्रकृतियों में बदलाव कर दिया है। जिसमें मैटेरनिटी, चाइल्ट केयर, स्टडी, मेडिकल या प्रतिनियुक्ति की अवधि के दौरान ली गई छुट्टियां अब इनमें नहीं जोड़ी जाएगी।
दरअसल, विश्वविद्यालयों में मौजूदा समय में शिक्षकों की पदोन्नति में एपीआई को अनिवार्य बना दिया गया है। इसके तहत शिक्षकों को पढ़ाने और छुट्टी पर रहने की अवधि, शोध कार्यों सहित दूसरी शैक्षणिक गतिविधियों का आकलन किया जाता है। छुट्टियां यदि ज्यादा हों तो उसे खराब प्रदर्शन माना जाता है। बाद में इन्हीं अंकों को पदोन्नति के दौरान देखा जाता है। खराब प्रदर्शन होने पर पदोन्नति रोकने का भी प्रावधान है। यूजीसी ने यह व्यवस्था विवि और कालेजों के शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए शुरु किया है। इसके बाद से शिक्षक अब पढ़ाई और छुट्टी को लेकर काफी सतर्क हैं।