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UAE New President: यूएई से व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती

भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू रविवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे। उन्होंने अबू धाबी स्थित मुशरिफ पैलेस में नए राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से भेंट की और उनके पिता पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। प्रेट्र

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 01:24 PM (IST)
UAE New President: यूएई से व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों को मिलेगी मजबूती
उपराष्ट्रपति ने यूएई जाकर पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की

जेएनएन, नई दिल्ली: शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाहयान को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का नया राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। यह भारत के लिहाज से काफी अहम है। आइए जानें कौन हैं यूएई के नए राष्ट्रपति और उनके सत्ता संभालने से भारत पर क्या प्रभाव हो सकता है:

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  • शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाहयान को यूएई के नए राष्ट्रपति के रूप में अहम जिम्मेदारियां संभालनी होंगी। हालांकि वह शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के 2014 से अस्वस्थ होने के कारण यूएई के प्रशासन का संचालन कर रहे थे। इस दौरान नीतियों में कई अहम बदलाव भी किए हैं।
  • मध्य पूर्व एशिया में फारस की खाड़ी (पर्सियन गल्फ) में स्थित सात शेख शासित अरब राज्यों ने 1971 में मिलाकर एक देश बनाया जिसे संयुक्त अरब अमीरात कहा जाता है। यूएई में शामिल होने से पहले यह राज्य ब्रिटिश शासन के अधीन थे। सात शेखों के अमीरात (राज्य) होने के कारण ही इसका नाम संयुक्त अरब अमीरात पड़ा।
  • यूएई में शामिल सात राज्य अबु धाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, फुजइराह, उम्म अल कुवैन और रस अल खैमा हैं। खाड़ी देशों को पेट्रोलियम उत्पादों में समृद्ध माना जाता है और यूएई में विश्व का छठा सबसे बड़ा तेल भंडार है। यह यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
  • यूएई की 30 प्रतिशत जनसंख्या भारतीय है। सबसे अधिक लोग केरल के हैं। उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या लोग यूएई में बसे हैं।
  • 2016 की यात्र में शेख मुहम्मद बिन जायद ने भारत को एक अहम साझीदार बताते हुए रणनीतिक रिश्ते मजबूत करने की बात कही थी। वह शेख की पहली भारत यात्र थी। शेख मुहम्मद बिन जायद ने इस यात्र में भारत के साथ काफी नजदीकी दिखाई थी।
  • 2015 में पीएम मोदी की यूएई यात्र भारत और अरब देशों के बीच संबंधों में मील का पत्थर मानी जाती है। मोदी 34 वर्ष में यूएई की यात्र पर जाने वाले पहले पीएम बने।
  • भारत के साथ शेख मुहम्मद बिन जायद के रिश्ते बेहद करीबी हैं। जब 2016 में वह भारत आए थे तो सामान्य परंपरा से हटकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने पालम वायु सेना स्टेशन पहुंचकर उनकी आगवानी की थी। जब पीएम यूएई की यात्र पर गए थे तो शेख मुहम्मद बिन जायद ने अपने पांच भाइयों के साथ उनका स्वागत करने हवाई अड्डे पहुंचे थे।
  • शेख मुहम्मद बिन जायद अरब क्षेत्र के साथ ही विश्व में भी एक कद्दावर नेता माने जाते हैं, प्रशिक्षित सैनिक हैं और सत्ता चलाने के अभ्यस्त हैं। उन्होंने रायल मिलिट्री अकादमी, सैंडहस्र्ट से स्नातक किया है। वह यूएई की सेना के प्रमुख भी हैं और यमन में सेना भेजने के अहम फैसले के लिए जाने जाते हैं।
  • हाल ही में भारत और यूएई के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता हुआ था जो इसी माह के आरंभ से प्रभावी हो गया है। इसे एक प्रकार से भारत और यूएई के बीत मुक्त व्यापार समझौता कह सकते हैं जो कपड़ा, कृषि उत्पाद, सूखे मेवे, रत्न और आभूषण जैसे उत्पादों के भारतीय निर्यातकों को यूएई के बाजार में बिना किसी कर के अपना माल पहुंचाने की अनुमति देता है। इस समझौते का उद्देश्य भारत और यूएई के बीच 60 अरब डालर के व्यापार को अगले पांच वर्ष में 100 अरब डालर तक पहुंचाना है।
  • भारत यूएई के लिए भी प्राथमिकता का देश है क्योंकि यह उसके सबसे बड़े व्यापार साझीदारों में से एक है। यूएई के निवेश का एक संभावित गंतव्य है। यह वर्ष 2000 से ही भारत के शीर्ष 10 निवेशकों में शामिल रहा है।
  • उस यात्रा के समय भारत के विदेश मंत्रलय ने प्रेस वार्ता में कहा था कि खाड़ी क्षेत्र में लाखों भारतीय रहते हैं। वह हमारी लगभग 60 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं का स्रोत है, हमारे सबसे बड़े निर्यात गंतव्यों में से है तथा धन प्रेषण का एक प्रमुख स्नोत है। इस क्षेत्र का भारत की सुरक्षा तथा हमारे पड़ोस में स्थिरता से अहम संबंध है।
  • फुटबाल के बेहद शौकीन शेख मुहम्मद बिन जायद अबु धाबी के शेख हैं और यूएई के सभी राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों के मामले में अबु धाबी ही सबसे समृद्ध है। जाहिर है कि इससे भी शेख मुहम्मद बिन जायद को सत्ता संचालन में आवश्यक प्रभाव बनाने में मदद मिलेगी।
  • 61 वर्ष के शेख मुहम्मद बिन जायद के बारे में कहा जाता है कि वह अतिमहत्वाकांक्षी हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर बोलने से बचते हैं।
  • उनका लक्ष्य यूएई को पश्चिम एशिया का सबसे ताकतवर देश बनाना है। उनकी महत्वाकांक्षा और सत्ता संचालन की काबिलियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कभी अरब देशों से दूरी रखने वाले इजरायल के साथ बातचीत उन्होंने ही शुरू की।

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