राकांपा से नाखुश हैं कांग्रेस कार्यकर्ता : चव्हाण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी [राकांपा] के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि ऐसा नहीं है कि हम 15 साल पुराना गठबंधन तोड़ना चाहते हैं , लेकिन कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता सरकार में और चुनाव के दौरान राकांपा की भूमिका से नाखुश है। उन्होंने कहा, वे हमारी संभावना पर पानी फेरने के मकसद से निर्दलीय उम्मीदवार उतारने के लिए जाने जाते हैं। हमारे कार्यकर्ता कहते हैं कि राकांपा कार्यकर्ताओं की बॉडी लैंग्वेज कांग्रेस विरोधी है।
उपमुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार समेत राकांपा के कई शीर्ष नेताओं ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में राकांपा के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए राज्य की 288 विधानसभा सीटों में 144 सीटों की मांग की है। राकांपा ने लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 सीटों में चार पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में केवल दो सीटें आई। यह सत्तारूढ़ गठबंधन का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्टूबर में होने वाले चुनाव में उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व कौशल की परीक्षा होगी। अगर भाजपा ने खराब प्रदर्शन किया तो इसका असर उनके नेतृत्व पर पड़ेगा और लोग कहेंगे कि लोकसभा चुनाव में जीत केवल एक छोटे समय के लिए मिली सफलता थी। 68 वर्षीय मराठा नेता को ये भी लगता है कि प्रशासन का बहुप्रचारित गुजरात मॉडल सिर्फ नारे तक ही सीमित है और कांग्रेस-राकांपा के शासन के 15 साल के दौरान महाराष्ट्र में उसके पड़ोसी राज्य गुजरात की तुलना में ज्यादा विकास हुआ है, इसीलिए राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का प्रदर्शन विधानसभा चुनावों में बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे बेहतर निवेश का माहौल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लोगों की उम्मीदों को पूरा किया है, हमारी सरकार ने परिणाम दिए हैं।
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