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भारत आना चाहता था दाऊद, UPA सरकार ने नहीं लिया रिस्‍क

दो वर्ष पहले अंडरवर्ल्‍ड डान दाऊद इब्राहिम ने यूपीए सरकार को भारत वापसी का अाॅफर दिया था। एक अग्रेंजी अखबार के मुताबिक वर्ष 2013 में कांग्रेस के एक नेता जो खुद एक वकील भी थे, ने अपनी पार्टी को इस बात से अवगत कराया था कि दाऊद इब्राहिम भारत वापस

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2015 08:16 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2015 11:27 AM (IST)
भारत आना चाहता था दाऊद, UPA सरकार ने नहीं लिया रिस्‍क

नई दिल्ली। दो वर्ष पहले अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम ने यूपीए सरकार को भारत वापसी का अाॅफर दिया था। एक अग्रेंजी अखबार के मुताबिक वर्ष 2013 में कांग्रेस के एक नेता जो खुद एक वकील भी थे, ने अपनी पार्टी को इस बात से अवगत कराया था कि दाऊद इब्राहिम भारत वापस आने का इच्छुक है। इस बात को स्वीकारते हुए पार्टी के दो बड़े नेताओं ने माना कि इस मुद्दे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता भी हुई थी।

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जानकारी के मुताबिक, तब यूपीए सरकार में बड़े स्तर पर इस प्रस्ताव पर विचार हुआ था, लेकिन सरकार ने कोई जोखिम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के बीच भी बात हुई थी। पूरी तरह से विचार-विमर्श करने के बाद सरकार ने कहा था कि यह मामला बहुत गरम है और देश के मोस्ट वांटेट आतंकी के ट्रायल का रिस्क सरकार नहीं ले सकती है। उसकी शर्तों में भी बहुत खतरा है।

दाऊद के भारत वापसी के ऑफर से कांग्रेस ने किया इंकार

अखबार के मुताबिक दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम धमाकों के ट्रायल के लिए भारत लौटना चाहता था। अधिकारियों के मुताबिक दाऊद के इस ऑफर की सबसे पहली जानकारी कांग्रेस आलाकमान को दी गई थी। इसके बाद ही इस बारे में पीएमओ में चर्चा की गई थी। पेशे से वकील और कांग्रेसी नेता ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर दाऊद के परिवार से संपर्क में थे। इसके अलावा वह डी कंपनी के कई केस भी देख रहे थे। अखबार के मुताबिक दाऊद किडनी की बीमारी से ग्रसित था और भारत आकर अपनी बची हुई जिंदगी अपने परिवार के बीच गुजारना चाहता था। इसके अलावा वह यहां पर इलाज कराने का भी इच्छुक था।

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इसमें यहां तक कहा गया है कि 1 नवंबर 1993 को दाऊद की लीगल टीम इस बारे में उसका वकालतनामा लेकर कांग्रेसी नेता के पास भी पहुंची थी। उसकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई जाने वाली अपील तैयार की जा चुकी थी।दाऊद चाहता था कि मुंबई बम धमाकों का ट्रायल मुंबई की जगह दिल्ली में किया जाए। इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करवाना चाहता था। लेकिन इस याचिका को बाद में दायर नहीं किया गया।

अखबार को मिली जानकारी के मुताबिक इस याचिका के तहत वह मुंबई पुलिस की उन बातों को खारिज करना चाहता था जिसमें कहा गया था कि वह अपने को बचाने की कोशिश में लगा है। इसके अलावा मुंबई में उसपर लगे कम्यूनल चार्जेस पर भी वह बहस करना चाहता था। इस पूरी खबर के बाबत जब मेनन से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी। वहीं मनमोहन सिंह से इस बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने ईमेल कर कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भारत लौटने के ऑफर के बारे में उन्हें कुछ याद नहीं है।

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