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भारत-आमेरिका के बीच 26-27 अक्टूबर को टू प्लस टू वार्ता, पांच अहम क्षेत्रों पर रहेगी केंद्रित

अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफेन बीगन दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। वार्ता के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पिछले दिनों टोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्ष माइकल पोंपियो के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत में विस्तार से विमर्श हो चुका है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 08:36 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 08:36 AM (IST)
भारत-आमेरिका के बीच 26-27 अक्टूबर को टू प्लस टू वार्ता, पांच अहम क्षेत्रों पर रहेगी केंद्रित
पांच अहम क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत और अमेरिका के रक्षा व विदेश मंत्रियों की अगुआई में आगामी 26 और 27 अक्टूबर को होने वाली टू प्लस वार्ता की तैयारियां जोरों पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले होने वाली इस वार्ता का दायरा सीमित होगा।

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जानकारों की मानें तो फरवरी, 2020 में भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय रिश्तों की धुरी में पांच क्षेत्रों सिक्योरिटी, डिफेंस, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और आम जनता के बीच संपर्क का चयन किया था। इस टू प्लस वार्ता के केंद्र में भी उक्त पांच सेक्टर होंगे। अगर दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन फॉर जिओ स्पैटिएल कोऑपरेशन (बीका) पर हस्ताक्षर करने की सहमति बन जाती है तो यह इस वार्ता की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। दोनों तरफ से बातचीत के प्रारूप को अगले दो दिनों के भीतर अंतिम रूप दिए जाने के आसार हैं।

अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफेन बीगन मंगलवार से अपनी दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। वार्ता के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर पिछले दिनों टोक्यो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके समकक्ष माइकल पोंपियो के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत में विस्तार से विमर्श हो चुका है।

जानकारों के मुताबिक, निश्चत तौर पर इस वार्ता में कोविड-19 के बाद के वैश्विक हालात और कोविड महामारी से लड़ने में साझा सहयोग के विभिन्न आयामों पर बात होगी। लेकिन मोटे तौर पर बातचीत को ट्रंप-मोदी की तरफ से चिन्हित पांच मुद्दों पर ही सीमित रखा जाएगा। सभी की नजरें दोनों पक्षों की ओरसे जारी होने वाले साझा बयान पर होंगी कि उसमें चीन को लेकर क्या टिप्पणी की जाती है। पिछले वर्ष की टू प्लस टू वार्ता में हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र की स्थिति को लेकर काफी साफ टिप्पणी की गई थी।

टू प्लस टू वार्ता का फैसला जून, 2017 में मोदी और ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में लिया गया था। अभी तक दो बार यह बातचीत हुई है। इसके तहत तीन बैठकों का दौर चलता है। पहले दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की अलग-अलग बैठक होती है। इसके बाद एक संयुक्त बैठक होती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क ईस्पर के बीच होने वाली द्विपक्षीय मुलाकात में भारत-चीन के बीच लद्दाख में चल रहे सैन्य विवाद का मुद्दा भी अहम रहेगा। द्विपक्षीय स्तर पर देखें तो रक्षा उत्पादों के निर्माण के लिए शुरू किया गया डिफेंस टेक्नोलॉजी व ट्रेड इनिसिएटिव (डीटीआइआइ) के तहत सात परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

भारत इन परियोजनाओं पर अब तेजी से कार्यक्रम को आगे बढ़ाना चाहता है। भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को लेकर तीन अहम समझौते जनरल सिक्योरिटी फॉर मिलिट्री इन्फॉरमेशन एग्रीमेंट (जीएओएमआइए), लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलइएमओए) और द कम्यूनिकेशंस कंपैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी अरेंजमेंट (कॉमकासा) हो चुके हैं। इस कड़ी के अंतिम समझौते बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन फॉर जिओ स्पैटिएल को-ऑपरेशन (बीका) की तैयारी है। बीका पर समझौता होने की पूरी संभावना है।


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