Nipah Virus: छह संदिग्ध मरीजों के टेस्ट निगेटिव, दो संदिग्ध मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती
Nipah Virus केरल के त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज में दो और लोगों के निपाह वायरस से संक्रमित होने की आशंका है।
कोच्चि, प्रेट्र/एएनआइ। केरल में निपाह वायरस के छह संदिग्ध मरीजों की जांच के नतीजे निगेटिव आए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने गुरुवार को यह बताया। उन्होंने कहा कि जांच नतीजे निगेटिव आने से पता चलता है कि निपाह वायरस फैला नहीं है। लेकिन तिरुवनंतपुरम में दो संदिग्ध मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, दोनों को तेज बुखार है।
उनके सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं और उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा है। वहीं, निपाह वायरस से संक्रमित छात्र की हालत में सुधार हो रहा है। शैलजा ने बताया कि निपाह वायरस से पीडि़त छात्र के सीधे संपर्क में आने वाले छह लोगों को कलामसेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनके सैंपल जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) भेजा गया था।
गुरुवार को रिपोर्ट आई तो नतीजे निगेटिव पाए गए, जो राहत की बात है। हालांकि, अभी सभी मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में ही रखा गया है। इनके अलावा राज्य में 314 लोगों को भी निगरानी में रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन लगातार केरल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के संपर्क में भी बने हुए हैं।
कर्नाटक में हाई अलर्ट
केरल के हालात को देखते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने सर्कुलर जारी कर राज्य में निगरानी गतिविधियों को तेज करने को कहा है। सर्कुलर में चामराजनगर, मैसूरु, कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तरी कन्नड़, उडुपी, शिवमोग्गा और चिकमंगलूर जैसे जिलों में पशु चिकित्सा विभाग, आइएमए, आइएपी विभागों के समन्वय समिति की तत्काल बैठक बुलाकर हालात पर चर्चा करने को कहा गया है।
तमिलनाडु में जांच के आदेश
समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक तमिलनाडु सरकार ने केरल से आने वाले लोगों की जांच के लिए राज्य के सीमावर्ती सात जिलों में चेकपोस्ट पर मेडिकल टीम तैनात की है। हालांकि, अभी तक तमिलनाडु में निपाह वायरस का कोई मामला नहीं मिला है।
अरब में रहने वाले केरल निवासी चिंतित
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहने वाले केरल के लोगों की चिंता बढ़ गई है। उन्हें अपने परिजनों और जानने वालों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता सताने लगी है। कारोबारी भी केरल आने से कतराने लगे हैं।
शरजाह में रहने वाले एरनाकुलम निवासी एस राजेंद्रन ने कहा कि उनके परिवार के लोग केरल में रहते हैं। उनका बेटा भी उसी कॉलेज में पढ़ता है जहां के छात्र को निपाह संक्रमण हुआ है। इसलिए हालात को लेकर उनकी चिंता बढ़ गई है। राजेंद्रन की तरह ही बहुत सारे लोग हैं जो निपाह वायरस से सहमे हुए हैं।
यह है निपाह के लक्ष्ण
निपाह वायरस इंसेफलाइटिस यानी दिमागी बुखार का ही एक रूप है। इसमें सिर दर्द, तेज बुखार, सुस्ती, उलझन, याद्दाश्त कमजोर होना, भ्रम होना, मिर्गी आना और दौरे पड़ने की शिकायत होती है। मरीज कोमा में भी चला जाता है। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं विकसित हुआ है। इसके लक्षणों पर ही इलाज होता है।
बरते यह सावधानी
- स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बलदेव ठाकुर के अनुसार चमगादड़ों की लार या पेशाब के संपर्क में न आने से बचें।
- ऐसी जगहों पर भी न जाएं जहां पर चमगादड़ों का आना जाना लगा रहता होखासकर पेड़ से गिरे फलों को खाने से बचें।
- फलों को पानी में धोकर खाएं।
- संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं।
- जिन इलाकों में निपाह वायरस फैल गया है वहां न जाएं।
- व्यक्ति और पशुओं के पीने के पानी की टंकियों सहित बर्तनों को ढककर
- बाजार में कटे और खुले फल न खाएं।
- संक्रमित पशु के संपर्क में न आएं। खासकर सुअर के संपर्क में आने से बचें।
- निपाह वायरस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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