मध्य प्रदेश : नीट परीक्षा पास कराने और मेडिकल कालेज में दाखिले का झांसा देकर करोड़ों ठगने वाले गिरफ्तार
परीक्षा में बेहतर प्रतिशत बनने पर आसानी से सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला हो जाएगा। आरोपितों ने इसके लिए 20 लाख रुपये खर्च बताया और 19 लाख 70 हजार रुपये ऐंठ लिए। कुछ दिनों बाद मोबाइल बंद कर फरार हो गए।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के इंदौर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अंतरराज्यीय ठग सचिन उत्तारकर और शंकर मानवटकर को गिरफ्तार किया है। आरोपित नीट परीक्षा पास करवाने और सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला दिलवाने का झांसा देकर करोड़ों रुपयों की ठगी कर रहे थे। आरोपितों के खातों में 5.5 करोड़ रुपये के लेन-देन का विवरण मिला है। एसपी (एसटीएफ) मनीष खत्री ने बताया कि जनवरी 2018 में उद्योगपति अजय जैन ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी।
उन्होंने बताया था कि बेटी नीट की तैयारी कर रही थी। आरोपित सचिन व शंकर ने उनसे संपर्क कर कहा कि वे प्रश्नपत्र के 80 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब बनाकर परुीक्षा उत्तीर्ण करवा देंगे। परीक्षा में बेहतर प्रतिशत बनने पर आसानी से सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला हो जाएगा। आरोपितों ने इसके लिए 20 लाख रुपये खर्च बताया और 19 लाख 70 हजार रुपये ऐंठ लिए। कुछ दिनों बाद मोबाइल बंद कर फरार हो गए। पुलिस ने बैंक खातों और मोबाइल नंबर के आधार पर शनिवार शाम दो आरोपित सचिन पुत्र अनिल उत्तारकर निवासी नवी मुंबई और शंकर पुत्र मारोती मानवटकर निवासी नवी मुंबई को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।
एसपी के मुताबिक आरोपित हाई प्रोफाइल परिवार के बच्चों को विदेशों में नौकरी दिलवाने और विदेश भेजने का कार्यालय खोलकर ठगी कर रहे थे। आरोपितों ने बताया कि गिरोह का तीसरा सदस्य सौरभ श्रीवास्तव नाभा (पंजाब) जेल में बंद है। उस पर फतेहगढ़ में लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है। 5.5 करोड़ रुपये का लेन-देन, कई राज्यों से जमा हुए रुपये एसपी के मुताबिक पुलिस ने आरोपितों से लैपटॉप, मोबाइल, दस्तावेज जब्त किए हैं। आरोपितों के बैंक खातों की जानकारी निकाली तो साढ़े पांच करोड़ रुपये का लेनदेन मिला। ठगों ने झाबुआ के मेडिकल संचालक अनिल श्रीवास्तव से भी 13 लाख 30 हजार रुपये ठगे हैं। इसी तरह विशाखापट्टनम, हरियाणा, सतारा, अहमदनगर, तमिलनाडु, राजस्थान में भी धोखाधड़ी की है। पुलिस ने सौरभ के संबंध में नाभा जेल और फतेहपुर पुलिस अफसरों को पत्र लिखा है।