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पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता, दोनों देशों में बढ़ेगा तनाव

नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों की जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से ही इसकी आशंका थी कि हमारा पड़ोसी देश बदले की कार्रवाई करेगा।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 11:11 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 01:18 PM (IST)
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता, दोनों देशों में बढ़ेगा तनाव
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता, दोनों देशों में बढ़ेगा तनाव

नई दिल्ली, एएनआइ। इस्लामाबाद (पाकिस्तान) में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता हो गए है। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि दो कर्मी पिछले कुछ घंटों से गायब हैं। बताया गया कि दोनों कर्मी आधिकारिक ड्यूटी के लिए एक वाहन में उच्चायोग से बाहर गए, लेकिन अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के दो ड्राइवर ड्यूटी पर बाहर गए थे, जो अपने स्थान तक नहीं पहुंचे। वहीं, भारत ने भी पूरे घटनाक्रम पर नजरें बना ली है और भारतीय मिशन ने स्थानीय अधिकारियों के साथ शिकायत भी की है और मामले को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक पहुंचा दिया गया है।

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यह घटना तब सामने आई जब दिल्ली में दो पाकिस्तानी अधिकारियों को जासूसी की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और देश छोड़ने के लिए कह दिया गया। पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को भारतीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने जासूसी करने के आरोप में पकड़ा था। सरकार ने उन्हें अवांछित घोषित किया है। भारत ने उनकी गतिविधियों को राजनयिक मिशन के एक सदस्य के रूप में गैरकानूनी और देश के खिलाफ माना था।

देश विरोधी बताते हुए सरकार की ओर से पाक के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है जिसमें इस मामले पर विरोध दर्ज कराया गया। वहीं, पहले से तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान संबंधों में इस घटना के बाद और तनाव बढ़ गया।

भारतीय दूतावास के कार्यकारी उच्‍चायुक्‍त पर निगरानी

हाल ही में पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के कार्यकारी उच्‍चायुक्‍त गौरव अहलूवालिया की कार का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एक सदस्य ने मोटरसाइकिल से पीछा किया था। यही नहीं आइएसआइ ने गौरव अहलूवालिया का उत्पीड़न करने और उन पर नजर रखने के लिए उनके आवास के बाहर कई कारों और बाइकों का जमावड़ा लगा दिया था।

मार्च में, पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को एक सख्त विरोध पत्र भेजा था, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उनके अधिकारियों और कर्मचारियों के लगातार उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई गई थी। भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा था कि इन घटनाओं की तत्काल जांच करें और संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि इसी तरह की घटना आगे ना हो।

हालांकि, पाकिस्तान नहीं माना और महीने की शुरुआत में एक बार फिर भारत सरकार ने गौरव अहलूवालिया के मामले को लेकर पाकिस्तान सरकार से शिकायत की थी।

पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

भारत ने पाकिस्तान को बताया कि उसकी एजेंसियों के व्यवहार ने राजनयिक संबंधों, 1961 पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया और द्विपक्षीय 1992 की आचार संहिता भी थी, जिसमें दोनों देशों ने राजनयिकों को संबंधों में शत्रुता से मुक्ति दिलाने के लिए हस्ताक्षर किए थे।


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