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दो गैरकानूनी एक्सचेंजों का पर्दाफाश, यूपी और केरल में मारे गए छापे; ISI से लिंक की आशंका

मुंबई पुलिस की जांच में उत्तर प्रदेश और केरल में गैरकानूनी वीओआइपी एक्सचेंजों का पता लगा जिनके जरिये पाकिस्तान से आने वाली कॉल्स को लोकल नंबरों पर रूट कर दिया जाता था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 11:47 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 11:47 PM (IST)
दो गैरकानूनी एक्सचेंजों का पर्दाफाश, यूपी और केरल में मारे गए छापे; ISI से लिंक की आशंका
दो गैरकानूनी एक्सचेंजों का पर्दाफाश, यूपी और केरल में मारे गए छापे; ISI से लिंक की आशंका

नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर की मिलिट्री इंटेलीजेंस और मुंबई पुलिस ने संयुक्त अभियान में दो वीओआइपी (वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) एक्सचेंज और सिम बॉक्स का पर्दाफाश किया है। इनका इस्तेमाल रक्षा कर्मियों से जानकारियां जुटाने के लिए किया गया और आशंका है कि इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का हाथ है।

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गुरुवार को उत्तर प्रदेश में नोएडा और केरल में चंगारामुकुलम में छापे मारे गए थे। सैन्य सूत्रों ने बताया कि इन छापों में दो सक्रिय सिम बॉक्स बरामद हुए। इनमें से प्रत्येक में 100 सिम का‌र्ड्स के स्लॉट हैं। इसके अलावा दो रूटर, तीन मॉडेम, कई एंटेना, बैटरियां और कनेक्टर बरामद हुए। इस दौरान एक व्यक्ति को चंगारामुकुलम से गिरफ्तार भी किया गया है।

संदेहास्पद नंबरों से आई थी कॉल

दरअसल, सितंबर 2019 में रक्षा कर्मियों को संदेहास्पद नंबरों से कॉल आई थीं जिनमें अहम रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी जानकारियां मांगी गई थीं। कॉल करने वालों ने अपनी फर्जी पहचान बताई थी इसलिए इसमें आइएसआइ की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। मिलिट्री इंटेलीजेंस और मुंबई पुलिस की आगे की जांच में उत्तर प्रदेश और केरल में गैरकानूनी वीओआइपी एक्सचेंजों का पता लगा जिनके जरिये पाकिस्तान से आने वाली कॉल्स को लोकल नंबरों पर रूट कर दिया जाता था।

चीन निर्मित सिम बॉक्स का किया गया इस्तेमाल 

इनका इस्तेमाल रक्षा कर्मियों से जानकारियां जुटाने के लिए किया गया। इन एक्सचेंजों में चीन निर्मित सिम बॉक्स का इस्तेमाल किया गया जिनमें स्थानीय सेल्युलर सर्विस प्रोवाइडर्स के सिम का‌र्ड्स लगाए गए थे। इन सिम बॉक्स में डायनैमिक आइएमईआइ सिस्टम का भी इस्तेमाल किया गया जिसकी वजह से उन्हें ट्रैक करना कठिन हो जाता है।

इसी वजह से टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इसे गैरकानूनी घोषित कर रखा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि इन दोनों एक्सचेंजों की वजह से देश के टेलीकॉम विभाग को भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।


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