कश्मीर में मारे गए हिज्ब के दो आतंकी, पुलवामा में भड़की हिंसा
टहाब पुलवामा में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए शब्बीर अहमद और शारिक अहमद शेख को उनके पैतृक गांवों के कब्रिस्तानों में दफनाया गया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर में रविवार को सुरक्षाबलों ने टहाब-पुलवामा में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों के मारे जाने के बाद पुलवामा, बिजबिहाड़ा और इससे सटे इलाकों में पुलिस व आतंकी समर्थकों के बीच हिंसा भड़क उठी। हिंसा में चार पुलिसकर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। सेना के जवानों ने पुलिस और सीआरपीएफ जवानों के साथ मिलकर टहाब, पुलवामा में आतंकियों के छिपे होने की आशंका पर सुबह साढ़े सात बजे तलाशी अभियान चलाया।
जवानों ने जैसे ही आतंकी ठिकाने की घेराबंदी शुरू की आतंकियों ने उन पर फायर करते हुए भागने का प्रयास किया। इसके बाद लगभग एक घंटे तक चली मुठभेड़ में दोनों आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों की पहचान महंद बिजबिहाड़ा के रहने वाले शब्बीर अहमद शेख और टाकुना, पुलवामा निवासी शारिक अहमद शेख के रूप में हुई है। उनके पास से एक एसएलआर, एक इंसास राइफल व कुछ अन्य विस्फोटक पदार्थ मिले हैं। आतंकियों से बरामद दोनों राइफलें कुछ दिन पहले सुरक्षाकर्मियों से ही लूटी गई थीं।
मुठभेड़ में शारिक और शब्बीर की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया। पुलवामा, अवंतीपोरा व बिजबिहाड़ा में हड़ताल हो गई। सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो गए। बड़ी संख्या में युवक नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए। उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। पुलवामा में कुछ युवकों ने सुरक्षाबलों के साथ मारपीट करते हुए उनके हथियार भी छीनने का प्रयास किया। सुरक्षाबलों को उन पर काबू पाने के लिए गोली भी चलानी पड़ी, जिसमें आसिफ अहमद नामक युवक जख्मी हो गया। दोपहर बाद ङ्क्षहसक झड़पों पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक चार पुलिसकर्मियों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो चुके थे। प्रशासन ने पुलवामा में इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने के साथ बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला रेल सेवा को भी बंद कर दिया। फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है।
जनाजे में भी नजर आए आतंकी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। टहाब पुलवामा में सुरक्षाबलों द्वारा मारे गए शब्बीर अहमद और शारिक अहमद शेख को उनके पैतृक गांवों के कब्रिस्तानों में दफनाया गया। दोनों ही जगह आतंकियों को जनाजे में देखा गया। हालांकि महंद बिजबिहाड़ा में शब्बीर के जनाजे में शामिल हुए दो से तीन आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन शारिक के जनाजे में रियाज नायकू आया था। उसने वहां पाकिस्तान के हक में नारेबाजी भी की।