कश्मीर में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत, मरनेवालों का आंकड़ा 78 पहुंचा
8 जुलाई को हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में तनाव है। हिंसक प्रदर्शन और झड़पों में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है
श्रीनगर। केंद्र और राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद कश्मीर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हिंसक प्रदर्शनों और सिलसिलेवार बंद के 64वें दिन शनिवार को दक्षिण कश्मीर में दो और प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। जगह-जगह झड़पों में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
दक्षिण कश्मीर में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा तक करीब एक दर्जन आजादी समर्थक जलसे और लगभग 30 जुलूस निकले। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के पैतृक गांव डुरू (सोपोर) में भी कश्मीर की आजादी समर्थक रैली हुई। इस रैली के दौरान भी ¨हसा हुई, जिसमें 20 लोग जख्मी हुए। रैली को गिलानी ने फोन के जरिए संबोधित किया। बटेंगू (अनंतनाग) में सुबह कुख्यात पत्थरबाजों और आतंकियों के समर्थकों को पकड़ने गए सुरक्षाबलों पर स्थानीय लोगों ने हमला किया। सुरक्षाबलों ने हिंसक भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियों, आंसूगैस और पैलेट गन का सहारा लिया। इसमें 25 लोग जख्मी हो गए।
उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने यावर अहमद डार को मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत के बाद बटेंगू और उसके आसपास के इलाकों में भी हिंसक झड़पों का दौर शुरू हो गया। गुस्साए लोगों ने स्थानीय हाईस्कूल की इमारत को आग के हवाले कर दिया।
देर शाम तक यहां हिंसक झड़पों में 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। इससे पूर्व शोपियां के टुकरू गांव में अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित रैली को नाकाम बनाने के लिए जब सुरक्षाबल पहुंचे तो पथराव कर रही भीड़ में से कुछ युवकों ने पेट्रोल बम से हमला किया। इस दौरान शोपियां में 60 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए। उनमें से एक सयार अहमद की बाद में मौत हो गई।
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