एनबीसीसी दलाली कांड में दो और गिरफ्तार
सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार प्रगति मैदान में पवेलियन सह एक्जीविशन सेंटर का पुननिर्माण 2149 करोड़ रुपये में करने का का ठेका शपूजी पालोनजी कंपनी को मिला था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रगति मैदान में आइटीपीओ के लिए पैवेलियन व एक्जीविशन सेंटर बनाने के ठेके में दलाली के मामले में सीबीआइ ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में सीबीआइ ने प्रगति मैदान को पुननिर्माण का काम करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी के सीएमडी अनूप मित्तल को भी आरोपी बनाया है। मित्तल पर पवेलियन का ठेका पाने वाली कंपनी पर एक दूसरी कंपनी से काम कराने के लिए दबाव डालने का आरोप है।
सीबीआइ ने सोमवार को कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के मालिक संजय कुलकर्णी और बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले ऋषभ अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। ऋषभ अग्रवाल के माध्यम से ही प्रगति मैदान के पवेलियन का काम पाने के लिए संजय कुलकर्णी ने खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा से संपर्क किया था। बाद में प्रदीप कुमार मिश्रा ने अनुप मित्तल के माध्यम से संजय कुलकर्णी की कंपनी को काम दिलाना सुनिश्चित किया था। लेकिन शुक्रवार को जब संजय कुलकर्णी का एक कर्मचारी प्रदीप कुमार मिश्रा को काम के बदले में दलाली की रकम दे रहा था, तभी सीबीआइ ने दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार प्रगति मैदान में पवेलियन सह एक्जीविशन सेंटर का पुननिर्माण 2149 करोड़ रुपये में करने का का ठेका शपूजी पालोनजी कंपनी को मिला था। संजय कुलकर्णी चाहता था कि शपूरजी पालोनजी यह काम उसकी कंपनी से कराये। इसीलिए अनुप मित्तल के मार्फत कंपनी पर दबाव बनाया जा रहा था। 15 दिसंबर को इस सिलसिले में शपूरजी पालोनजी और एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संजय कुलकर्णी की बैठक भी हुई थी। बैठक के बाद मित्तल ने संजय कुलकर्णी को भरोसा दिया था कि शपूरजी पालोनजी यह काम उसी की कंपनी से करायेगी और किसी और कंपनी को यह काम नहीं देगी।
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