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यूपी के 25 मंत्रियों पर आपराधिक मामले विचाराधीन

दागी नेताओं को मंत्री नहीं बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण पर बहस शुरू हो गई है। केंद्र में ही नहीं देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के करीब 25 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव समेत मोह

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 08:02 AM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 09:00 AM (IST)
यूपी के 25 मंत्रियों पर आपराधिक मामले विचाराधीन

लखनऊ। दागी नेताओं को मंत्री नहीं बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण पर बहस शुरू हो गई है। केंद्र में ही नहीं देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के करीब 25 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे अदालतों में विचाराधीन हैं। सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव समेत मोहम्मद आजम खां भी इनमें शामिल है। इनमें से शिवपाल व आजम समेत कुछ मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस करने के लिए फिलवक्त राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई चल रही है।

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राज्य सरकार के मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों का यह ब्योरा वह है जो निर्वाचन के दौरान शपथपत्र में सपा नेताओं ने तब खुद ही दिया था। एडीआर के मुताबिक मौजूदा समय में 43 प्रतिशत मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे हैं। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफामर््स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वाच ने वर्ष 2012 में चुनाव के दौरान इन सबका डाटा तैयार किया।

अखिलेश सरकार ने शपथ ग्रहण की तब 26 मंत्रियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। इनमें दुराचार के आरोपी मनोज पारस को मंत्रिमंडल में बाहर किया जा चुका है। अखिलेश सरकार में शामिल 25 आपराधिक मामलों के आरोपियों में बस्ती जिले के महदेवा सुरक्षित सीट से जीते रामकरन आर्य पर हत्या का अभियोग पंजीकृत है। आपराधिक आरोपों से घिरे अमरोहा से चुनाव जीते एक मंत्री महबूब अली हैं, जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण, लूट समेत कुल 15 अभियोग दर्ज हैं।

प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से चुनाव जीते रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने खुद पर आठ आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। इनके खिलाफ हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती के भी मुकदमे हैं। हाल में सीओ कुंडा की हत्या में सीबीआइ की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। बाराबंकी के रामनगर से चुनाव जीते अरविन्द कुमार सिंह गोप के खिलाफ भी हत्या के प्रयास समेत तीन मुकदमे दर्ज हैं। यह भी आजकल अखिलेश सरकार के मंत्रिमंडल की शोभा बढ़ा रहे हैं।

गोंडा से चुनाव जीतकर मंत्री बने विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह पर तीन, सहारनपुर के देवबंद से चुनाव जीतकर मंत्री बने राजेन्द्र सिंह राणा पर तीन, जौनपुर के मछलीशहर से जीते जगदीश सोनकर पर लूट, बरेली के नवाबगंज से जीते भगवत शरण गंगवार पर एससीएसटी एक्ट का मुकदमा है।

सरकार के कद्दावर मंत्री मोहम्मद आजम खां के खिलाफ पांच मुकदमे दर्ज हैं, जबकि मीरजापुर से जीते कैलाशनाथ चौरसिया पर चार, गाजीपुर के जमनिया से जीते ओमप्रकाश सिंह पर चार मुकदमे दर्ज हैें। इसी तरह अम्बेडकरनगर के कटेहरी से जीते प्रदेश के मंत्री शंखलाल मांझी पर चार, मुजफ्फरनगर से जीते चित्तरंजन स्वरूप पर तीन, वाराणसी के सेवापुरी से जीते सुरेन्द्र पर दो, आजमगढ़ सदर से चुनाव जीते दुर्गा प्रसाद यादव पर दो, कुशीनगर से चुनाव जीते ब्रह्मशंकर त्रिपाठी पर दो,कासगंज के मानपाल सिंह पर दो, बस्ती के हरैया के राजकिशोर सिंह पर एक, सीतापुर के महमूदाबाद से नरेन्द्र सिंह पर एक, संभल के इकबाल महमूद पर एक, पीलीभीत के रियाज अहमद पर एक और बलरामपुर गैंसड़ी के शिवप्रताप पर एक मुकदमा दर्ज है।

यह सभी वर्तमान में राज्य की अखिलेश सरकार में मंत्री है और पार्टी के कद्दावर नेता हैं।

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