Tuticorin case: जानिए किस तरह पिता-पुत्र की जान लेने वाले इंस्पेक्टर ने बचने के लिए अपनाए थे हर हथकंडे
19 जून की रात मोबाइल की दुकान चलाने वाले पी. जयराज और उनके बेटे बेनीक्स को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। उनका अपराध ये था कि उन्होंने तय समय से ज्यादा देर तक अपनी दुकान खोले रखी थी।
तूतीकोरिन, एजेंसियां। तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के सथंकुलम थाने में पिता-पुत्र को भीषण यातना देकर मार डालने के मामले में आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर श्रीधर किसी शातिर अपराधी से कम नहीं है। उसने सीबी-सीआइडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए हर वो हथकंडा अपनाया, जो एक शातिर अपराधी पुलिस से बचने के लिए अपनाता है। वह बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा। वह एक गाड़ी से लंबी यात्रा भी नहीं करता था।
लेकिन सीबी-सीआइडी को वो ज्यादा दिनों तक धोखा नहीं दे पाया और पकड़ा गया। पिता-पुत्र की हिरासत में मौत के बाद ही इंस्पेक्टर श्रीधर समझ गया था कि वो फंसने वाला है। इस मामले के सीबी-सीआइडी के हाथ में आने से पहले ही वह लापता हो गया था। इस मामले की जांच जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि श्रीधर सरेंडर करने के मूड में नहीं था। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद उसने सरेंडर करने की बात कही थी।
घरवालों ने पुलिस पर लगाया था आरोप
श्रीधर सथांकुलम थाने का इंचार्ज था। 19 जून की रात मोबाइल की दुकान चलाने वाले पी. जयराज और उनके बेटे जे. बेनीक्स को पुलिस पकड़कर थाने ले गई। उनका अपराध ये था कि उन्होंने तय समय से ज्यादा देर तक अपनी दुकान खोले रखी थी। अगले दिन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों को जेल भेज दिया। तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन ने उन्हें 22 जून को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां अगले दिन दोनों की मौत हो गई। घरवालों ने पुलिस पर दोनों की पिटाई करने का आरोप लगाया। मामले की जांच करने वाले मजिस्ट्रेट के सामने थाने की एक महिला पुलिसकर्मी ने अपने बयान में कहा था कि थाने में दोनों की रात भर बुरी तरह से पिटाई हुई थी।
इस घटना को लेकर देशभर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दोषी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा देने की मांग होने लगी। बाद में मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबी-सीआइडी को सौंपी। सीआइडी ने शुरुआती जांच के बाद श्रीधर, दो सब-इंस्पेक्टर और एक हेडकांस्टेबल को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। इस मामले में शुक्रवार को आरोपी सिपाही मुथुराज को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। वह भी फरार चल रहा था।
तमिलनाडु के सीएम से गृह मंत्रालय वापस लेने को याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी से गृह मंत्रालय का प्रभार लेने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि तूतीकोरिन में पिता-पुत्र की हिरासत में मौत के मामले की जांच तक मुख्यमंत्री से गृह मंत्रालय ले लिया जाए। वकील ए. राजारजन ने अपनी याचिका में कहा है कि मुख्यमंत्री ने 24 जून को सार्वजनिक रूप से कहा था कि पिता-पुत्र की मौत बीमारी से हुई है। इसको देखते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग होने तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।