भारत में 2025 तक समाप्त हो जाएगा TB, साहसिक और प्रगतिशील नीतियों के साथ काम कर रहा देश : हर्षवर्धन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने टीबी को देश से 2025 तक समाप्त करने के लिए प्राथमिकता दी है। वो WHO के प्रमुख देशों के मंत्रियों और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझेदार संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधितकर रहे थे।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत 2025 तक कोरोना मुक्त हो जाएगा। वो डब्ल्यूएचओ के प्रमुख देशों के मंत्रियों, और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझेदार संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधितकर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने टीबी को देश से 2025 तक समाप्त करने के लिए प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि तपेदिक काफी समय से अस्तित्व में है और एक प्रमुख वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। पिछले एक दशक में हुई प्रगति के बावजूद, टीबी (Tuberculosis) दुनियाभर में प्रमुख संक्रामक जानलेवा बीमारी बनी हुई है।
टीबी को समाप्त करने के लिए भारत की तरफ से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि साहिसक और प्रगतिशील नीतियों की मदद से भारत तपेदिक को देश से समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि गरीबी और अल्पपोषण टीबी की मरीजों के विकास के लिए सबसे बड़ा नकारत्मक कारक है। पोषण संबंधी सहायता के लिए हम साल 2018 से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए प्रोत्साहन राशि मुहैया करवा रहे हैं। अबी तक 30 लाख लाभार्थियों को 70 लाख 90 हजार की राशि मुहैया करवा चुके हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण टीबी देखभाल पहली प्राथमिकता है।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि हमने लॉकडाउन लागू कर अप्रैल में कोरोना मामलों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की। लेकिन निरंतर प्रयासों के बावजूद मई में 43 फीसद और जून में 25 फीसद की बढोतरी देखने को मिली। उन्होंने आगे कहा कि हम टीबी के साथ मिल रहे कोरोना मामलों को लेकर राज्यों को लागातार एडवाइजरी जारी कर रहे हैं और उनकी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए कह रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीबी और कोरोना मरीजों और सांस संबंधी गंभीर संक्रमण के लिए बाइ-डायरेक्शनल (Bi-directional screening) स्क्रीनिंग शुरू की गई है।