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टाटा कंपनियों की बैलेंस शीट में दिखती है सच्ची तस्वीर

टाटा संस के बर्खास्त किए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के आरोपों के बाद समूह ने दावा किया है कि उसके वित्तीय विवरणों में सच्चाई दिखाई जाती है। टाटा समूह की सभी लिस्टेड कंपनियों ने

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 03 Nov 2016 04:04 AM (IST)Updated: Thu, 03 Nov 2016 05:27 AM (IST)
टाटा कंपनियों की बैलेंस शीट में दिखती है सच्ची तस्वीर

नई दिल्ली, प्रेट्र : टाटा संस के बर्खास्त किए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के आरोपों के बाद समूह ने दावा किया है कि उसके वित्तीय विवरणों में सच्चाई दिखाई जाती है। टाटा समूह की सभी लिस्टेड कंपनियों ने इस मामले में स्पष्टीकरण पेश किया है।

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मिस्त्री के आरोपों को देखते हुए दोनों स्टॉक एक्सचेंजों- बीएसई और एनएसई ने समूह की कंपनियों से जवाब मांगा था। साइरस ने कहा था कि टाटा स्टील और टाटा मोटर्स समेत समूह की पांच कंपनियों को 18 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि बट्टेखाते में डालनी पड़ सकती है।

टाटा पावर, इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आइएचसीएल) और टाटा टेलीसर्विसेज समेत समूह की कंपनियों ने बुधवार को बीएसई और एनएसई को सफाई भेजी है। स्पष्टीकरणों में कहा गया है कि उनकी ओर से अपने वित्तीय विवरणों और बैलेंसशीट में सही जानकारी दी जाती है। तमाम छानबीन और ऑडिट के बाद ही इन्हें सार्वजनिक किया जाता है।

मिस्त्री ने आइएचसीएल पर भी आरोप लगाया था कि समूह की इस कंपनी ने अपनी कई संपत्तियां और ओरिएंट होटल्स में हिस्सेदारी भारी घाटे पर बेची है। जापान की एनटीटी डोकोमो के साथ विवाद को देखते हुए टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) ने अपनी सफाई में कहा है कि वह इस मामले में पार्टी नहीं है। यह विवाद पूरी तरह से टाटा संस, उसकी प्रमोटर टाटा टेली और जापानी कंपनी के बीच है।

विवाद पर सरकार की नजर : मेघवाल

टाटा और मिस्त्री के बीच जारी विवाद पर सरकार करीबी से नजर रखे हुए है, क्योंकि देश के इस सबसे बड़े कॉरपोरेट समूह की गतिविधियों का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। फिलहाल इसको लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को यह बात कही। वह कॉरपोरेट मामलों के भी प्रभारी हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि इस विवाद से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।

दोराबजी टाटा ट्रस्ट से खंबाटा का इस्तीफा

टाटा समूह के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने के अगले दिन पूर्व सॉलिसिटर जनरल व विख्यात वकील डेरियस खंबाटा ने सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट से इस्तीफा दे दिया था। खंबाटा इसके सात ट्रस्टियों में से एक थे, मगर इसमें रतन टाटा शामिल नहीं हैं। समूह की सभी फर्मों की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में दोराबजी टाटा ट्रस्ट और रतन टाटा ट्रस्ट के साथ ही कुछ अन्य ट्रस्टों की 66 फीसद हिस्सेदारी है।

खंबाटा ने प्रतिक्रिया में कहा, 'मैंने अपने पेशे से जुड़ी व्यस्तताएं बढ़ने की वजह से इस्तीफा दिया है।' उनका यह त्यागपत्र तब सामने आया है, जब मिस्त्री व टाटा समूह के बीच जंग और तेज हो गई है। उन्होंने मिस्त्री और रतन टाटा के बीच जारी मौजूदा तनातनी पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

खंबाटा लंबे समय से टाटा संस को कानूनी सलाह देते रहे हैं। वह रतन और मिस्त्री दोनों के चेयरमैन रहने के दौरान समूह से जुड़े रहे। वह तमाम अहम संवैधानिक, कॉरपोरेट और कॉमर्शियल मामलों में पैरवी कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय कॉमर्शियल आर्बिट्रेशन में भी उनका बड़ा नाम है।

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