डोकलाम विवाद से भारत ने ली सीख, चीन सीमा पर तेजी से पहुंचने के लिए सेना ने उठाए कदम
डोकलाम में 73 दिनों के गतिरोध के बाद चीन सीमा पर तेजी से पहुंचने के लिए सेना ने सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया है ताकि सीमा पर तेजी से टुकड़ियां पहुंच सकें।
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-चीन सीमा पर तेजी से टुकड़ियां पहुंचाई जा सकें, इसलिए सेना ने सड़क निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है। डोकलाम में 73 दिन चले गतिरोध को देखते हुए यह फैसला किया गया है। सेना ने अपनी इंजीनियर्स कोर को ऐसी सड़क बनाने को कहा है, जिससे जब भी जरूरत पड़े सीमा पर पहुंचा जा सके। सीओई ने खरीदी शुरू की आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोर ऑफ इंजीनियर्स (सीओई) ने कई बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
पहाड़ों को काटने और सड़क बनाने की कई मशीनों और आधुनिक उपकरणों के ऑर्डर दिए जा रहे हैं। सेना मुख्यालय ने 1,000 से ज्यादा ड्यूल ट्रैक माइन डिटेक्टर्स ऑर्डर किए गए हैं, ताकि बारुदी सुरंगों का पता लगाने की सीओई की क्षमता बढ़ाई जा सके।
नई विशेषताओं वाली 100 से ज्यादा खुदाई की मशीनें भी खरीदी जा रही हैं, जिससे उत्तरी इलाके में पहाड़ी क्षेत्रों के पास रास्ता तैयार करने के लिए इंजीनियरों की क्षमता बढ़ेगी। 50 छोटे पुल बनेंगे सीमा पर सैनिकों को जल्दी से भेजा जा सके, इसके लिए 50 से ज्यादा कम छोटे पुल बनाने और बड़ी संख्या में असॉल्ट ट्रैक बनाने की भी तैयारी है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 4,000 किमी लंबी सीमा है। 237 साल पुरानी सीओई सीमा क्षेत्रों में सैनिकों और तोपों की जल्द से जल्द आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सपोर्ट और कनेक्टिविटी कायम रखने में मदद करती है।
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