भारतीय सेना अब 'त्रिशूल' से करेगी दुश्मनों का खात्मा, सशस्त्र बलों ने बनाया 'फ्यूचर प्लान'
भारतीय सशस्त्र बल पश्चिमी क्षेत्र में 'त्रिशूल' नामक एक संयुक्त सैन्य अभ्यास करने वाले हैं। इस अभ्यास का लक्ष्य तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और संयुक्त अभियानों को बढ़ाना है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह भारत की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है और सशस्त्र बलों की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करता है। 'त्रिशूल' अभ्यास एकता और शक्ति का प्रतीक है।

सशस्त्र बलों ने तैयार किया फ्यूचर प्लान (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों अंगों के बीच सहयोग-समन्वय को बढ़ावा देने और विभिन्न भूभागों और मिशन स्पेक्ट्रम में एकीकृत संचालन के उद्देश्य से एक त्रिसेवा अभ्यास त्रिशूल जल्द ही पश्चिमी क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास भारत की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जिसमें 'जेएआई' यानी संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार की भावना शामिल है।
क्या है भविष्य का प्लान?
मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "अभ्यास त्रिशूल तीनों सेनाओं के बीच समन्वय और इंटिग्रेटेड ऑपरेशन को सक्षम बनाता है।" साथ ही कहा कि त्रिशूल एकता में शक्ति का प्रतीक है।
यह अभ्यास भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के बीच संयुक्त संचालन और इंटरआपरेबिलिटी को निखारता है। यह भारतीय सशस्त्र बलों की तकनीकी क्षमता और भविष्य के लिए तैयार बल बनाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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