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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का SC से अनुरोध, किसी की आस्‍था में ना दे दखल

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्‍बल ने कहा कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मामला क्यों नहीं?

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Tue, 16 May 2017 01:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 May 2017 02:25 PM (IST)
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का SC से अनुरोध, किसी की आस्‍था में ना दे दखल
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का SC से अनुरोध, किसी की आस्‍था में ना दे दखल

नई दिल्‍ली, एएनआइ। तीन तलाक के मामले में आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्‍बल ने कहा कि यह आस्‍था और विश्‍वास का मामला है और इसमें कोर्ट को दखल या फैसला नहीं लेना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मामला क्यों नहीं?

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इस पर जस्टिस रोहिनतन नरिमन ने पूछा कि क्‍या उन्‍हें इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए? इस पर कपिल सिब्‍बल ने जवाब दिया, 'हां, आपको सुनवाई नहीं करनी चाहिए।' इससे पहले कपिल सिब्‍बल ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि तीन तलाक की प्रथा 1400 वर्षों से चली आ रही है, ऐसे में आप कैसे कह‍ सकते हैं कि यह असंवैधानिक है।

वहीं सोमवार को इस मामले में केंद्र सरकार ने तीन तलाक का विरोध करते हुए कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस प्रथा को अमान्‍य घोषित कर देती है तो वह मुस्लिमों के लिए नया कानून लाएगी। केंद्र सरकार की तरफ एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश की थीं।

यह भी पढ़ें: तीन तलाक पर सिब्‍बल का सवाल- 1400 वर्षों से जारी प्रथा कैसे असंवैधानिक?


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