गिरिराज किशोर का पार्थिव शरीर दान
विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) के वयोवृद्ध नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक आचार्य गिरिराज किशोर का पार्थिव शरीर सोमवार को दधीचि देहदान समिति के माध्यम से आर्मी मेडिकल कॉलेज, दिल्ली को दान कर दिया गया। उनका नेत्रदान रविवार रात को ही कर दिया गया था।
नई दिल्ली। विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) के वयोवृद्ध नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक आचार्य गिरिराज किशोर का पार्थिव शरीर सोमवार को दधीचि देहदान समिति के माध्यम से आर्मी मेडिकल कॉलेज, दिल्ली को दान कर दिया गया। उनका नेत्रदान रविवार रात को ही कर दिया गया था। इससे पहले आरकेपुरम स्थित विहिप कार्यालय में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी व डॉ. हर्षवर्धन उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी व दत्तात्रेय होसबोले, इंद्रेश कुमार, विहिप के अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया, विनय कटियार, कलराज मिश्र, चंपतराय व ओम प्रकाश सिंघल, रामलाल, स्वामी अनुभूतानंद, दीदी मां ऋतंभरा, महंत नवलकिशोर दास, महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत, आचार्य धर्मेद्र, अनंत कुमार, मनसुख भाई वसवा और बालसंत महेश शरण देवाचार्य के अलावा विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारी भी विहिप नेता के अंतिम दर्शन को पहुंचे। गिरिराज किशोर का रविवार रात 9.15 बजे विहिप मुख्यालय में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनका जन्म चार फरवरी, 1920 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले के मिसौली गांव में हुआ था। वह जीवनपर्यत संघ प्रचारक के रूप में कार्यरत रहे। आपातकाल के दौरान वह 13 महीने जेल में भी रहे। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के सूत्रधार रहे गिरिराज किशोर ने मध्य प्रदेश के मुरैना में कुछ समय तक अध्यापन कार्य भी किया।