देशव्यापी हड़ताल से धीमी पड़ी जिंदगी की रफ्तार
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। 11 श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन देश के कई इलाकों में हिंसा की खबर है। हरियाणा के अंबाला में श्रमिक संगठन एटक के पदाधिकारी नरेंद्र सिंह की तब मौत हो गई जब वह एक तेज रफ्तार बस को रोकने का प्रयास कर रहे थे। नोएडा में आंदोलनकारियों ने वाहनों को आग लगाते हुए सैकड़ों फैक्ट्रियों में तोड़फोड़ व आगजनी की। हड़ताल ने देश की आर्थिक गतिविधियों की कमर तोड़कर रख दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं और जीवन बीमा निगम के कार्यालय बंद रहे। हजारों छोटे-बड़े कारखानों में उत्पादन ठप रहा। एसोचैम ने अनुमान में इजाफा करते हुए दो दिन में 26 हजार करोड़ का नुकसान होने की बात कही है।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। 11 श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन देश के कई इलाकों में हिंसा की खबर है। हरियाणा के अंबाला में श्रमिक संगठन एटक के पदाधिकारी नरेंद्र सिंह की तब मौत हो गई जब वह एक तेज रफ्तार बस को रोकने का प्रयास कर रहे थे। नोएडा में आंदोलनकारियों ने वाहनों को आग लगाते हुए सैकड़ों फैक्ट्रियों में तोड़फोड़ व आगजनी की। हड़ताल ने देश की आर्थिक गतिविधियों की कमर तोड़कर रख दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं और जीवन बीमा निगम के कार्यालय बंद रहे। हजारों छोटे-बड़े कारखानों में उत्पादन ठप रहा। एसोचैम ने अनुमान में इजाफा करते हुए दो दिन में 26 हजार करोड़ का नुकसान होने की बात कही है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा सहित देश के अन्य भागों में भी हड़ताल के व्यापक प्रभाव की खबर है।
हड़ताल के दौरान दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में बंद समर्थकों ने जबरदस्त उपद्रव किया। फेज-दो में आधा दर्जन फैक्ट्रियों में आगजनी के साथ ही पांच सौ से अधिक कंपनियों में तोड़फोड़ की गई। फैक्ट्रियों के बाहर भी बंद समर्थकों ने आगजनी की। उपद्रवियों ने दर्जनों वाहनों के शीशे तोड़े और एक दर्जन से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कंपनियों में घुसकर कर्मचारियों से मारपीट और लूटपाट की गई। छह घंटे तक फेज-दो इलाके में कोहराम मचा रहा। नोएडा सेक्टर-63, 57, 58, 59, 64, 65 व 67 में भी फैक्ट्रियों पर पथराव करके उन्हें नुकसान पहुंचाया गया। उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए विलंब से सक्रिय हुई पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ हवाई फायर भी करने पड़े। हालांकि पुलिस हवाई फायर करने से इन्कार कर रही है। शाम के बाद स्थिति नियंत्रित हुई। पुलिस ने 32 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। पूरी घटना में करीब 100 करोड़ रुपये के नुकसान का अंदेशा है। क्षति की भरपाई के लिए डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत वसूली के लिए श्रमिक संगठनों को नोटिस दिया जाएगा। हिंसा की जांच मेरठ मंडल के अपर आयुक्त करेंगे।
तृणमूल कांग्रेस शासित बंगाल में हड़ताल का मिला-जुला असर देखा गया। ममता बनर्जी सरकार की सख्ती के चलते सरकारी महकमों में उपस्थिति सामान्य दिनों की तरह ही रही, बाजारों में दुकानें भी खुली दिखाई दीं। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम के चलते राज्य में रेल व हवाई यातायात सामान्य रहा लेकिन सड़कों पर आवागमन में कमी देखी गई। राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति शत प्रतिशत रही। राजधानी दिल्ली में टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों के एक वर्ग के हड़ताल पर रहने के कारण आवागमन सुविधाएं प्रभावित दिखीं। दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के कर्मियों के एक वर्ग के हड़ताल पर रहने की वजह से डीटीसी बसों के नियमित परिचालन में बाधा आई।
बिहार में समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, सिवान, सासाराम, आरा, बक्सर, मुंगेर, दरभंगा, भागलपुर व बेगूसराय में ट्रेनें रोकी गईं। जबकि पटना में धरना देकर कई स्थानों पर सड़क यातायात बाधित किया गया। झारखंड की कोयला खदानों और ज्यादातर कारखानों में भी कामकाज ठप रहा। उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में भी हड़ताल का मिला-जुला असर रहने की खबर है। खुदरा क्षेत्र में विदेशी पूंजीनिवेश, केंद्र की आर्थिक व श्रमिक नीतियों के विरोध और वेतनवृद्धि समेत कई अन्य मांगों को लेकर यह हड़ताल आहूत की गई है।
हड़ताल से सरकारी बैंकों मेंकामकाज ठप
नई दिल्ली। श्रमिक संगठनों की दो दिनों के हड़ताल के पहले दिन सरकारी बैंकों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ। इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग से ग्राहकों को कुछ राहत मिली है, लेकिन फिर भी बैंकों में सामान्य काम नहीं हो सका। हड़ताल से वित्तीय व औद्योगिक क्षेत्र पर उम्मीद से भी ज्यादा असर पड़ने की संभावना है। इससे अर्थव्यवस्था को 26 हजार करोड़ रुपये का झटका लगने का अनुमान लगाया गया है।
बैंक कर्मचारियों के शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) का दावा है कि 26 सरकारी बैंकों में कार्यरत लगभग दस लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस वजह से चेक क्लीयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, सरकारी भुगतान, विदेशी मुद्रा कारोबार पूरी तरह से ठप रहे। सरकारी बैंकों में हड़ताल होने की वजह से निजी बैंकों में सामान्य से ज्यादा भीड़ दिखी। बैंकों के एटीएम पर भी लोगों की भीड़ थी। बैंकों से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस हड़ताल से मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग से होने वाले लेनदेन में सामान्य से 15-20 फीसद की वृद्धि देखी गई।
उद्योग चैंबर एसोचैम ने कहा है कि पहले दिन के हड़ताल का असर उम्मीद से ज्यादा रहा है। दो दिनों में देश की अर्थंव्यवस्था को 26 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। एक दिन पहले एसोचैम ने हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था। चैंबर ने कहा है कि देश की वित्तीय राजधानी में हड़ताल से सबसे ज्यादा क्षति हुई है।
देश के कई हिस्सों में हड़ताल के हिंसक होने की सूचना को चिंताजनक बताते हुए एसोचैम ने कहा है कि इससे भारत के प्रति निवेशकों के भरोसे में और कमी आएगी। सुस्ती से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था किसी भी तरह के अन्य व्यवधान को नहीं सहन कर सकती।
हड़ताल से साक-सब्जियों की आपूर्ति में खासा असर पड़ा है। दो दिनों तक फलों व सब्जियों की आपूर्ति नहीं होने से दिल्ली, मुंबई सहित प्रमुख शहरों में इनकी कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। दूध, ब्रेड, अंडे आदि की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
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मजदूरों की प्रमुख मांगें
1. महंगाई पर जल्द काबू पाया जाए
2. न्यूनतम वेतन 10 हजार रुपये मासिक तय हो
3. हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा का कवच दिया जाए
4. खुदरा रिटेल कारोबार में विदेशी निवेश की अनुमति नहीं हो
5. श्रमिकों के हितों को प्रभावित करने वाले कानूनी संशोधन नहीं हों
6. बैंकों में ठेके पर काम करवाने की प्रक्रिया बंद हो
7. बीमा व बैंकों में विलय और विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने की नीति गलत
ऑटो क्षेत्र भी आया जद में
नई दिल्ली। प्रमुख मजदूर संगठनों की तरफ से बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल की आंच निजी क्षेत्र तक जा पहुंची है। श्रमिक समस्या से जूझ रही देश की तीन प्रमुख ऑटो कंपनियों (मारुति सुजुकी, हीरो और सुजुकी) की यूनियनों ने हड़ताल के अंतिम दिन इसमें शामिल होने का एलान कर दिया है। पहले से ही घटती बिक्री से परेशान तीनों कंपनियों के उत्पादन पर इसका विपरीत असर पड़ने के आसार हैं। इन तीनों के अलावा दिल्ली के आसपास स्थित कुछ अन्य कंपनियों में श्रमिकों के एक दिन के हड़ताल पर जाने की संभावना है।
इन तीनों कंपनियों की फैक्ट्रियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में है। देश की दिग्गज कार निर्माता मारुति सुजुकी के श्रमिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा है कि कंपनी के दोनों प्लांट गुड़गांव और मानेसर में गुरुवार को कामकाज नहीं होगा। इसी तरह से देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के श्रमिक संगठन ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल के अंतिम दिन शामिल होने की बात कही है। जापान की बाइक निर्माता सुजुकी के श्रमिक संगठन ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा कर दी है।
इन तीनों कंपनियों में पहले से ही श्रमिक विवाद चल रहा है। मारुति के मानेसर प्लांट में हिंसक वारदात हो चुकी है। हीरो मोटोकॉर्प में प्रबंधन और श्रमिकों के बीच वेतन वृद्धि को लेकर लगातार बातचीत हो रही है, लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
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