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Bharat Bandh: हिंसक हुआ प्रदर्शन, बसों पर पथराव, कई घायल

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे सीपीएम नेता सुजान चक्रबर्ती के साथ कई अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

By Arti YadavEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 10:29 AM (IST)
Bharat Bandh: हिंसक हुआ प्रदर्शन, बसों पर पथराव, कई घायल
Bharat Bandh: हिंसक हुआ प्रदर्शन, बसों पर पथराव, कई घायल

नई दिल्ली, एएनआइ। वाम दलों से जुड़ी 10 ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। केंद्र सरकार की श्रम नीतियों के खिलाफ वामपंथी श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन भी कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में अच्छा खासा असर देखने को मिल रहा है। कोलकाता समेत कई जगहों पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं भी सुबह से ही घटने लगी हैं। हावड़ा जिले के दासपुर में एक बस में बंद समर्थकों ने हमला कर दिया जिसमें सवार दो स्कूल छात्राएं घायल हुई हैं। इसके अलावा कूचबिहार में भी एक ऑटो में बंद समर्थकों ने तोड़फोड़ की है।

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पश्चिम बंगाल में कई स्‍थानों पर प्रदर्शनकारियों ने रेल मार्ग बाधित किया, जिसकी वजह से कई ट्रेनें लेट चल रही हैं, वहीं सड़कों पर उग्र प्रदर्शन को देखते हुए बस चालक भी खास सावधानी बरत रहे हैं। इस दौरान कई जगह बस चालक हेलमेट पहनकर बस चलाते नजर आए।

बता दें कि ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आठ और नौ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल को भारत बंद का नाम दिया जा रहा है। इस बंद का असर यातायात और बैंक के कामकाज पर सबसे ज्यादा दिखाई दिया।

Live Updates:

  • पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने दिनहाटा और कूच बिहार में सरकारी बस में तोड़फोड़ और पथराव किया। इस दौरान बस चालक सहित 2 लोग घायल हो गए।

  • सेंट्रल रेलवे ने बसों की हड़ताल को देखते हुए मुंबई में ट्रेनों के सेवाएं बढ़ाने का फैसला किया है ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो।
  • हावड़ा जिले के दासपुर में एक बस में बंद समर्थकों ने हमला कर दिया जिसमें सवार दो स्कूल छात्राएं घायल हुई हैं।

  • कोलकाता में ट्रेड यूनियनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे सीपीएम नेता सुजान चक्रबर्ती के साथ कई अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। हड़ताल को देखते हुए राज्य सरकार ने बस चालकों को हेलमेट पहनने का निर्देश दिया है।

  • सियालदाह-लक्ष्मीकांतपुर और डायमंड हार्बर सेक्शन पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन ओवरहेड वायर पर केले के पत्ते फेंक दिए है। सामान्य सेवाओं को बहाल करने के लिए ओवरहेड वायर से केले के पत्तों को हटाने के लिए टॉवर वैन को पहले ही भेज दिया गया है।
  • बेस्ट बस के कर्मचारी 2007 के बाद कार्यरत कर्मचारियों के मास्टर ग्रेड पर निर्धारण, बीएमसी के 'ए' बजट के साथ बेस्ट बजट को विलय करने और कर्मचारी सेवा निवास के मुद्दे को हल करने जैसी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।

  • तमिलनाडु में आज लगभग 12 लाख कर्मचारी बंद से जुड़ रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने कर्मचारियों को बंद में शामिल न होने की चेतावनी दी है, इसके बावजूद विभिन्न सरकारी विभागों से आठ लाख सरकारी कर्मचारी प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं 3 लाख शिक्षक और 1.5 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

हड़ताल के पहले दिन मामूली असर
हड़ताल के पहले दिन अधिकांश राज्यों में इसका मामूली असर दिखाई दिया। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार सुबह से हड़ताल का असर दिखा। हालांकि, इसका असर वाम दलों के प्रभाव वाले राज्यों खासकर पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर में ही ज्यादा रहा। बंगाल में कई स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया और छिटपुट हिंसा की वारदातें हुई। सेंट्रल ट्रेड यूनियन (सीटू) इस बंद की अगुआई कर रहा है। पूर्वी व दक्षिण पूर्वी रेलवे के हावड़ा व स्यालदह स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया। बंद समर्थकों व पुलिस के बीच दक्षिणी 24 परगना जिले, उत्तरी 24 परगना, मध्यग्राम, हसनाबाद, बारासात में झड़पें हुई।

केंद्रीय श्रम संगठनों की अपील पर मंगलवार को उप्र में जहां बैंक, बीमा और डाकघर सहित केंद्र सरकार के अन्य दफ्तरों में कामकाज ठप रहा, वहीं राज्य सरकार के कार्यालयों में भी कई जगह आंशिक तौर पर सन्नाटा छाया रहा। बिजली विभाग के इंजीनियरों व कर्मचारियों ने भी विरोध-प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

इन मांगों के लिए हो रही हड़ताल

  • बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगाया जाए।
  • वर्करों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाए।
  • कम से कम वेतन 18000 रुपये प्रतिमाह घोषित किया जाए।
  • हर एक जरूरतमंद के लिए 6000 रुपये प्रति माह पेंशन तय हो।
  • सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
  • टैक्सटाइल व पावरलूम वर्करों के वेतनों व रेटों में 20 फीसद वृद्धि की जाए।
  • घरेलू मजदूरों की रजिस्ट्रेशन पहल के आधार पर की जाए।
  • जायदाद टैक्स का एक प्रतिशत हिस्सा घरेलू मजदूरों की भलाई पर खर्च हो।
  • बैंक, बीमा, ट्रांसपोर्ट, बिजली, शिक्षा, सेहत व सुरक्षा क्षेत्रों में राज्य व केंद्र सरकारें रेगुलर भर्ती करें।
  • सरकारी विभागों में ठेका प्रणाली खत्म की जाए।
  • ठेका प्रणाली के तहत नियुक्त कर्मचारी पक्के किए जाएं।
  • आगनबाड़ी, आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्करों व ग्रामीण चौकीदारों व स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा प्रदान किया जाए।
  • मनरेगा मजदूरों को 200 दिन वर्ष में काम और दिहाड़ी 650 रुपये दी जाए।
  • श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।

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