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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुलाई 8 जनवरी को हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा

ट्रेड यूनियन ने दावा किया है कि 8 जनवरी को बुलाई गई देशब्‍यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 06:13 PM (IST)
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुलाई 8 जनवरी को हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुलाई 8 जनवरी को हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा

नई दिल्‍ली, एजेंसी। ट्रेड यूनियन ने दावा किया है कि 8 जनवरी को बुलाई गई देशब्‍यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। यह हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाई गई है। उनका दावा है कि इस हड़ताल में छात्रों के 60 संगठन और कुछ यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी भी शामिल होंगे।  

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सरकार से नाराज हैं ट्रेड यूनियनें

उधर, ट्रेड यूनियनों ने कहा कि अब तक श्रमिकों को उनकी किसी भी मांग पर श्रम मंत्रालय आश्‍वासन देने में विफल रहा है। श्रम मंत्रालय ने दो जनवरी, 2020 को ट्रेड यूनियनों की बैठक बुलाई थी। देखा जाए तो सरकार का रवैया श्रमिकों के प्रति रवैया अवमानना का रहा है। ज्ञात हो कि एटक, सीटू, इंटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, एसईडब्‍लूए, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, एलपीएफ समेत कई ट्रेड यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।

कई संगठन होंगे शामिल

कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि हम आठ जनवरी को आयोजित हड़ताल में कम से कम 25 करोड़ लोगों की उम्‍मीद कर रहे हैं। हड़ताल के जरिए सरकार से श्रमिक विरोधी, राष्‍ट्रविरोधी और जनविरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि 60 छात्रों के संगठन और विश्‍वविद्यालयों के पदाधिकारी भी हड़ताल में शामिल होंगे। वे भी सरकार विरोधी नीतियों से परेशान हैं।

यूनियन ने इस बात पर जताई नाराजगी

ट्रेड यूनियनों ने इस पर नाराजगी जताई कि जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं हुआ। इसके अलावा यूनियनों ने श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है।

बैंकिंग सेवाएं हो सकती हैं बाधित

ट्रेड यूनियनों ने मोदी सरकार की नीतियों को श्रमिक विरोधी बताते हुए भारत बंद का आह्वान किया है। अब बैंकों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों के इस हड़ताल में शामिल होने से बैंकिंग सेवाओं के बाधित होने की आशंका है। बैंक यूनियनों ने कर्मचारियों से चाबी एक्सेप्ट नहीं करने का आग्रह किया है। इससे हो सकता है कि कई शाखाएं बंद रहें।

बैंकों की इन सेवाओं पर पड़ सकता है असर

बैंक कर्मियों की इस प्रस्तावित हड़ताल से सबसे ज्यादा असर ATM सेवाओं पर पड़ सकता है, इसलिए आपके लिए बेहतर होगा कि आप आजकल में जरूरी कैश निकालकर अपने पास रख लें। बैंकों की हड़ताल से चेक क्लियरेंस में भी देरी हो सकती है। दूसरी ओर इस सप्ताह दूसरे शनिवार के कारण भी बैंक बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को चेक क्लियर होने के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, 16 दिसंबर से NEFT को 24x7 किये जाने के बाद पैसे के ऑनलाइन ट्रांसफर पर कोई खास असर पड़ने की उम्मीद नहीं है।


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