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ट्रैक्टर रैली के बहाने सामने आया पाकिस्तान का नापाक मंसूबा, ISI के गुर्गे ने जारी किया वीडियो

किसान आंदोलन का कुछ आंतकी दल फायदा उठाने की फिराक में हैं इसके संकेत सरकार देती रही है। 26 जनवरी को दिल्‍ली की सड़कों पर ट्रैक्‍टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई लाल किले पर जो उपद्रव मचाया गया उसे पूरी दुनिया ने देखा।

By TilakrajEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 06:23 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 08:52 AM (IST)
ट्रैक्टर रैली के बहाने सामने आया पाकिस्तान का नापाक मंसूबा, ISI के गुर्गे ने जारी किया वीडियो
आइएसआइ के गुर्गे चावला ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर ट्रैक्टर रैली की बात कही

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत के खिलाफ हमेशा साजिश रचने की कोशिश में लगे पाकिस्तान का एक और नापाक चेहरा सामने आया है। कुख्यात खालिस्तानी नेता गोपाल सिंह चावला ने भारत में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के समर्थन के नाम पर पाकिस्तान में ट्रैक्टर रैली करने की बात कही है। चावला को मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी माना जाता है। बता दें कि 26 जनवरी को दिल्‍ली में किसानों की ट्रैक्‍टर रैली हुई थी, जिसमें उपद्रवियों ने काफी हिंसा की थी।

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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के गुर्गे चावला ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर ट्रैक्टर रैली की बात कही है। हालांकि, उसने कोई तारीख नहीं बताई है। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनों में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को भांपते हुए ही भारत सरकार ने 17 फरवरी को एसजीपीसी की अगुआई में सिख जत्थे को पाकिस्तान में शताब्दी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।

दरअसल, किसान आंदोलन का कुछ आंतकी दल फायदा उठाने की फिराक में हैं, इसके संकेत सरकार देती रही है। 26 जनवरी को दिल्‍ली की सड़कों पर ट्रैक्‍टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई, लाल किले पर जो उपद्रव मचाया गया, उसे पूरी दुनिया ने देखा। किसान संगठन कह रहे हैं कि उनका हिंसा करने का कोई इरादा नहीं था। फिर हिंसा किसके इशारे पर हुई? ये सवाल खुफिया एजेंसी तलाशने में जुटी हुई हैं। अब पाकिस्‍तान में ट्रैक्‍टर रैली का एलान साफ इशारा करता है कि दिल्‍ली में हुई हिंसा के तार पाकिस्‍तान से भी जुड़े हो सकते हैं।

गौरतबल है कि कई किसान संगठन कृषि बिलों में विरोध में पिछले लगभग 3 महीने से दिल्‍ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की कई बार सरकार से भी बात हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट ने विशेषज्ञों की समिति गठित कर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध दूर करने की राह दिखाई है।


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