चंद्रशेखरन हत्याकांड में माकपा के तीन नेताओं समेत 11 को उम्रकैद
केरल की राजनीति में भूचाल लाने वाले टीपी चंद्रशेखरन हत्याकांड में मंगलवार को एक विशेष अदालत ने माकपा के तीन नेताओं समेत 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। उम्रकैद की सजा पाने वालों में मार्क्सवादी विद्रोही चंद्रशेखरन को अगवा कर हत्या करने वाले गिरोह के आठ सदस्य और माकपा के तीन नेताओं कन्नूर जिले के पनुर में समिति के सदस्य पीके कुंजुनंदन, स्थानीय समिति के सचिव केसी रामाचंद्रन, अन्य सचिव मनोज शामिल हैं।
कोझिकोड। केरल की राजनीति में भूचाल लाने वाले टीपी चंद्रशेखरन हत्याकांड में मंगलवार को एक विशेष अदालत ने माकपा के तीन नेताओं समेत 11 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
उम्रकैद की सजा पाने वालों में मार्क्सवादी विद्रोही चंद्रशेखरन को अगवा कर हत्या करने वाले गिरोह के आठ सदस्य और माकपा के तीन नेताओं कन्नूर जिले के पनुर में समिति के सदस्य पीके कुंजुनंदन, स्थानीय समिति के सचिव केसी रामाचंद्रन, अन्य सचिव मनोज शामिल हैं।
विशेष न्यायाधीश आर. नारायण पिशराडी द्वारा दोषी पाए गए 12 आरोपियों में एक को तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है। अदालत का यह फैसला माकपा के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। अदालत ने माना था कि यह हत्या व्यक्तिगत नहीं बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों से की गई थी।
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गौरतलब है कि कोझिकोड जिले के अलावा आसपास के क्षेत्र में खासा प्रभाव रखने वाले चंद्रशेखरन ने माकपा से नाता तोड़कर नई पार्टी बना ली थी। नया दल बनाने के कुछ समय बाद चंद्रशेखरन की चार मई 2012 में हत्या कर दी गई। 51 वर्षीय चंद्रशेखरन के शरीर पर चोट के 51 निशान पाए गए थे।
चंद्रशेखरन की विधवा रीमा ने कहा कि वे अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जाहिर कर दिया कि मेरे पति की हत्या में माकपा का हाथ था और उसने इसके लिए साजिश की थी।
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