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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा, 'असफलता को पीछे छोड़ फिर आगे बढ़ जाएगा इसरो

इसरो के पूर्व चैयरमैन कस्तूरीरंगन ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इसरो दोबारा अधिक उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 01 Sep 2017 03:34 PM (IST)Updated: Fri, 01 Sep 2017 03:34 PM (IST)
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा, 'असफलता को पीछे छोड़ फिर आगे बढ़ जाएगा इसरो
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा, 'असफलता को पीछे छोड़ फिर आगे बढ़ जाएगा इसरो

हैदराबाद, पीटीआइ। भारत के शीर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को पूरा भरोसा है कि पीएसएलवी फिर वापसी करेगा और सफल रहेगा। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि कल की विफलता चिंता का मामला है और इससे काफी क्षति भी पहुंची, क्योंकि रॉकेट का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने इसरो की टीम से आग्रह किया कि ज्‍यादा दुखी होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि अंतरिक्ष एजेंसी में वापसी करने की पूरी क्षमता है।

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दरअसल, गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) को एक बड़ा झटका लगा। पहली बार प्राइवेट कंपनियों की मदद से अंतरिक्ष की दुनिया में एक और छलांग लगाने की इसरो की कोशिश असफल रही। श्रीहरिकोटा से गुरुवार की शाम सात बजे जिस स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली इंडियन रीजनल नेविगेशनल सैटेलेइट सिस्टम (आईआरएनएसएस यानि नाविक) श्रृंखला का आठवां उपग्रह आईआरएनएसएस-1एच को पीएसएलवी-सी39 से लांच किया गया वो सफल नहीं हो पाया। ये जानकारी इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने दी। ये उड़ान अंतरिक्ष की दुनिया में भारत के लिए एक लंबी छलांग मानी जा रही थी। इसलिए ये असफलता इसरो के वैज्ञानिकों को कुछ ज्‍यादा ही परेशान कर रही है। बताया जा रहा है कि सैटेलाइट से हीट शील्ड अलग नहीं हुई और पीएसएलवी का लॉन्य बेकार गया।

इसरो के पूर्व चेयरमैन कस्तूरीरंगन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी पहले भी अपने मिशन में असफल रह चुकी है। खासकर देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम के शुरुआती चरण में। उन्‍होंने, 'हम पहले भी असफल रहे हैं, लेकिन हर बार हमने वापसी की है। यह सुनिश्चित किया है कि यह (असफलता) दोहराएं नहीं है और ये संभावना लगातार कम हो रही है।

कस्तूरीरंगन ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इसरो दोबारा अधिक उत्साह और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा। इधर इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने भी ट्वीट कर टीम का हौसला बढ़ाया और कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम फिर से पीएसएलवी को ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।

यह भी पढ़ें: प्राइवेट सेक्टर द्वारा तैयार पहले सैटेलाइट IRNSS-1H की इसरो द्वारा लांचिंग फेल


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