इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक तपन मिश्र का बड़ा दावा, तीन साल पहले दिया गया था घातक जहर
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक शीर्ष वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने दावा किया कि उन्हें तीन साल पहले जहर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसरो मुख्यालय में प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान नाश्ते में आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दिया गया था।
बेंगलुरु, प्रेट्र। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ विज्ञानी ने मंगलवार को दावा किया कि तीन साल पहले उन्हें जहर दिया गया था। इसरो के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक तपन मिश्र ने दावा किया कि 23 मई, 2017 को उन्हें जानलेवा आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड नामक जहर दिया गया। इसरो मुख्यालय में एक प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान उन्हें नाश्ते यह जहर दिया गया था।
जहर दिए जाने के अपने आरोपों पर तपन मिश्रा ने कहा, 'कोई निश्चित रूप से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को कुछ नुकसान पहुंचाना चाहता था। एकमात्र उपाय अपराधी को पकड़ना और उन्हें दंडित करना है।
Someone definitely wanted to do some harm to Indian Space Research Organisation(ISRO). The only solution is to catch the culprit & punish them. Not provide security to 2,000 scientists: ISRO scientist Tapan Mishra, on his allegations of being poisoned by arsenic three years ago pic.twitter.com/nrb8ws8wgc— ANI (@ANI) January 6, 2021
मिश्र इस समय इसरो में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। इस महीने के अंत में वह रिटायर हो रहे हैं। 'लांग केप्ट सेक्रेट' शीर्षक से फेसबुक पोस्ट में मिश्र ने दावा किया है कि जुलाई, 2017 में गृह मामलों की सुरक्षा जुड़े एक व्यक्ति ने उन्हें जहर दिए जाने को लेकर अलर्ट किया था और उनके इलाज में डॉक्टरों की भी उसने मदद की।
मिश्र ने कहा कि इसके बाद उनकी सेहत बिगड़ने लगी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती थी। उन्हे त्वचा संबंधी गंभीर बीमारी हो गई। उनके हाथों और पैर की उंगलियों से नाखून उखड़ने लगे। उन्होंने फेसबुक पर पर अपने हाथ और पैर की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। साथ ही दिल्ली के एम्स में जहर के प्रभाव को कम करने के लिए चले इलाज की पर्ची भी डाली है।
उन्होंने कहा कि शायद सैन्य और व्यावसायिक महत्व के कार्यो से एक विज्ञानी को हटाने के लिए उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई। वह चाहते हैं कि सरकार इस मामले की जांच कराए। हालांकि, मिश्र के दावों पर इसरो की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।