आज ही के दिन 11 साल पहले सीरियल बम धमाकों से दहल गई थी दिल्ली
13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सीरियल बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में पूरी राजधानी हिल गई थी। इसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आज से ठीक 11 साल पहले देश की राजधानी शाम के समय बम धमाकों से दहल उठी थी। आतंकियों के सीरियल 4 बम धमाकों से कुल 19 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इन बम धमाकों में इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ होने की बात सामने आई थी। दरअसल राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में इन सीरियल बम धमाकों से पहले दिल्ली पुलिस को एक ई मेल भेजकर इसकी सूचना भी दी गई थी।
मेल भेजने वाले आतंकी संगठन ने ये भी कहा था कि यदि वो इन धमाकों को होने से बचा सकते हैं तो बचा लें। खैर पुलिस इन धमाकों को रोक तो नहीं पाई मगर सतर्कता के चलते कुछ जगहों पर रखे गए बम को निष्क्रिय जरुर कर दिया गया था।
शाम को हुए थे सीरियल ब्लास्ट
इंडियन मुजाहिद्दीन ने 13 सितंबर 2008 की शाम दिल्ली में कई स्थानों पर बम रखे थे। इन बम धमाकों में टाइम सेट किया गया था, बमों को अलग-अलग समय पर फटने के लिए समय तय कर दिया गया था। 30 मिनट के अंतराल पर एक के बाद एक चार बम धमाके हुए थे, इनमें 19 लोगों की मौत हो गई थी, बम धमाकों में 90 से अधिक के घायल हो गए थे। इन बम धमाकों के बाद पुलिस एक्टिव हो गई थी, उसके बाद पुलिस ने दिल्ली के कई इलाकों में जिंदा बम बरामद किए और उसे निष्क्रिय कर दिया था। दो जिंदा बम गफ्फार मार्केट में, एक लीगल बिल्डिंग में और एक कनाट प्लेस से बरामद किया गया था।
इंडियन मुजाहिद्दीन ने भेजा था मेल
धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की ओर से एक ई-मेल भी भेजा गया था। इस ई-मेल में कहा गया था कि 5 मिनट में दिल्ली में धमाके होने वाले हैं, रोक सको तो रोक लो। इसके बाद पुलिस एक्टिव हो गई थी। पुलिस ने बयान भी दिया था कि बिना जांच किए इस धमाके के लिए किसी संगठन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। आतंकियों ने ये सभी बम धमाके घनी आबादी वाले स्थानों पर किए थे।
आतंकियों ने दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनाट प्लेस में धमाका किया। साथ ही, करोल बाग की गफ्फार मार्केट और ग्रेटर कैलाश-1 में भी बम विस्फोट किए। जिन इलाकों में बम विस्फोट किए गए थे उन जगहों पर सुबह से लेकर देर रात तक काफी भीड़ रहती है। आतंकियों ने भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाया था जिससे मरने वालों की संख्या में इजाफा होता। ये धमाके करोल बाग की इलेक्ट्रानिक सामान के लिए मशहूर गफ्फार मार्केट, कुछ ही देर बाद कनाट प्लेस और दो बम धमाके ग्रेटर कैलाश-1 के एम ब्लाक में हुए थे।
अलग-अलग जगह रखे गए थे बम
ये बम अलग-अलग जगह रखे गए थे। करोल बाग में विस्फोटक एक आटो में रखा था। इस धमाके में कम से कम 20 लोग जख्मी हुए थे और कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई थी। बम धमाके में घायलों को पास के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ ही देर बाद कनाट प्लेस में दो धमाके हुए थे, यहां कूड़े दान में बम रखे गए थे, इनमें 10 लोग घायल हुए थे। दो और धमाके ग्रेटर कैलाश-1 के एम ब्लाक में हुए थे। यहां भी विस्फोटक कूड़ेदान में रखे गए थे। इन सभी इलाकों में सुबह से लेकर देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहता है। कनाट प्लेस जैसे इलाकों में तो विदेशी पर्यटक भी घूमते रहते हैं।